राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और जन संघर्ष मंच की तरफ से इस घटना की जमकर निंदा करता हूँ और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच यह मांग करता है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में एक इन्वेस्टिगेशन टीम बनाकर कराई जाए
जिगनेश मेवाणी
संयोजक राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच
**
गुजरात को जिस तरह संघ परिवार अपनी प्रयोग शाला के तौर पर उपयोग करते आ रहा है भोपाल एनकाउंटर उसी प्रयोगशाला की ही देन है।
क्योंकि भोपाल में जिस तरह विचाराधीन कैदियों को गिरफ्तार करने की जगह उनकी निर्मम हत्या करना क्योंकि इसी तरह के एनकाउंटर नरेंद्र मोदी के गुजरात में सत्ता में रहते हुए।
सादिक जमाल, जावेद, इशरत, सोहराबुद्दीन, तुलसी प्रजापति एनकाउंटर और ना जाने कितने लोगों को सिर्फ इसलिए गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर हत्या कर डाली और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने में एक अहम रोल अदा किया है।
अब इसी प्रयोग को भाजपा शासित राज्यों के भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यह प्रयोग हिट लग रहा है, शायद भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा तीव्र हो गई है और इसी कड़ी में भोपाल एनकाउंटर शिवराज सिंह चौहान के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा की तरफ उठाया गया पहला कदम है।
लेकिन देश में जिस तरह से मुसलमानों को एनकाउंटर के नाम पर, गौ रक्षा के नाम पर, लव जेहाद के नाम पर और ना जाने किस किस नाम पर हत्याए की जा रही है उसे बाबा साहब आंबेडकर के संविधान से चलने वाला देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है और मैं अपने राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और जन संघर्ष मंच की तरफ से इस घटना की जमकर निंदा करता हूँ और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच यह मांग करता है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में एक इन्वेस्टिगेशन टीम बनाकर कराई जाए और इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के मुताबिक एफआईआर दर्ज की जाए।
और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की मुसलमानों, दलितों आदिवासियों पिछडो के खिलाफ हो रहे पर अत्याचार के खिलाफ पूरे देश में मुसलमानों, दलितों, आदिवासियों और तमाम पिछडो को इकट्ठा करके आंदोलन करने की जरूरत महसूस हुई तो राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच उसके लिए भी तैयार है।
जिगनेश मेवाणी
कनवीनर राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच
जिगनेश मेवाणी
संयोजक राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच
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गुजरात को जिस तरह संघ परिवार अपनी प्रयोग शाला के तौर पर उपयोग करते आ रहा है भोपाल एनकाउंटर उसी प्रयोगशाला की ही देन है।
क्योंकि भोपाल में जिस तरह विचाराधीन कैदियों को गिरफ्तार करने की जगह उनकी निर्मम हत्या करना क्योंकि इसी तरह के एनकाउंटर नरेंद्र मोदी के गुजरात में सत्ता में रहते हुए।
सादिक जमाल, जावेद, इशरत, सोहराबुद्दीन, तुलसी प्रजापति एनकाउंटर और ना जाने कितने लोगों को सिर्फ इसलिए गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर हत्या कर डाली और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने में एक अहम रोल अदा किया है।
अब इसी प्रयोग को भाजपा शासित राज्यों के भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यह प्रयोग हिट लग रहा है, शायद भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा तीव्र हो गई है और इसी कड़ी में भोपाल एनकाउंटर शिवराज सिंह चौहान के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा की तरफ उठाया गया पहला कदम है।
लेकिन देश में जिस तरह से मुसलमानों को एनकाउंटर के नाम पर, गौ रक्षा के नाम पर, लव जेहाद के नाम पर और ना जाने किस किस नाम पर हत्याए की जा रही है उसे बाबा साहब आंबेडकर के संविधान से चलने वाला देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है और मैं अपने राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और जन संघर्ष मंच की तरफ से इस घटना की जमकर निंदा करता हूँ और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच यह मांग करता है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में एक इन्वेस्टिगेशन टीम बनाकर कराई जाए और इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के मुताबिक एफआईआर दर्ज की जाए।
और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की मुसलमानों, दलितों आदिवासियों पिछडो के खिलाफ हो रहे पर अत्याचार के खिलाफ पूरे देश में मुसलमानों, दलितों, आदिवासियों और तमाम पिछडो को इकट्ठा करके आंदोलन करने की जरूरत महसूस हुई तो राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच उसके लिए भी तैयार है।
जिगनेश मेवाणी
कनवीनर राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच
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