Thursday, December 11, 2014

भगवद् गीता राष्ट्रीय ग्रंथ कैसे बनेगी?

भगवद् गीता राष्ट्रीय ग्रंथ कैसे बनेगी?

  • 9 घंटे पहले
भारत, संविधान, कानून का शासन
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों कहा कि भगवद् गीता को सरकार राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करे.
उनका कहना था कि इस बारे में तैयारी कर ली गई है और अब केवल औपचारिकता रह गई है.
लेकिन सवाल ये पैदा होता है कि गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के लिए सरकार को क्या करना पड़ेगा?
ओडिशा हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रह चुके जस्टिस इशरत मसरूर क़ुद्दूसी के अनुसार प्रिवेंशन ऑफ़ इंसल्ट टू नैशनल ऑनर एक्ट, 1971 में एक बिल लाकर संशोधन करना पड़ेगा. इसमें राष्ट्रीय कैलेंडर, राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय झंडा वग़ैरह से संबंधित प्रावधान शामिल हैं.
गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए सरकार को इस अधिनियम में संशोधन करना पड़ेगा.

संसद में बहुमत!

भारत, संविधान, कानून का शासन
सरकार की मंशा क्या है, ये नहीं मालूम लेकिन इस बिल को संसद से पारित करवाना आसान नहीं होगा.
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है लेकिन राज्यसभा में उसके पास पूरे नंबर नहीं हैं.
जस्टिस क़ुद्दूसी के अनुसार प्रिवेंशन ऑफ़ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के अंतर्गत राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने पर सज़ा होती है और अगर गीता को इसमें शामिल कर लिया गया तो इसका अपमान करने पर भी सज़ा होगी.

संविधान से ऊपर

महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कृष्ण.
लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ़ जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी कहते हैं कि उनके लिए देश का संविधान राष्ट्रीय ग्रन्थ है और उससे ऊपर कोई किताब नहीं है.
जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा कि उनका नाम ज़रूर धर्माधिकारी है लेकिन वो धर्म को संविधान के आड़े नहीं आने देते.
सोमवार को भाजपा नेता डॉक्टर सुब्रमण्यन स्वामी ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि देश का संविधान सेक्युलर है और गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के लिए संविधान से सेकुलरिज़्म का शब्द हटाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, "मैं नहीं मानता कि गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की ज़रूरत है क्योंकि इसका सम्मान आम तौर से लोग पहले से ही करते हैं."
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