नसबंदी कांड : राज्य सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा आईएमये
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बिलासपुर। नसबंदी कांड को लेकर देशभर में प्रदेश सरकार की हुई किरकिरी के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने राज्य शासन के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
एसोसिएशन ने जनहित याचिका में नसबंदी शिविर में मृत महिलाओं के परिवारों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की। इसके अलावा इससे पीडि़त महिलाओं का राज्य के खर्च से बीमा कराने, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और स्वास्थ्य नीति का पालन कराने के लिए निर्देश दिए जाने के लिए भी कहा है।
याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र के जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम का पालन गैरजिम्मेदाराना ढंग से कर चिकित्सा जगत को कलंकित किया है। नसबंदी करने वाले डॉक्टर को डॉक्टर डेथ तक कहा गया। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया।
राज्य सरकार द्वारा जिम्मेदारों के खिलाफ की गई कार्रवाई भी संतोषजनक नहीं रही। याचिका में राज्य शासन, प्रमुख सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य संचालक, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी।
एसोसिएशन ने जनहित याचिका में नसबंदी शिविर में मृत महिलाओं के परिवारों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की। इसके अलावा इससे पीडि़त महिलाओं का राज्य के खर्च से बीमा कराने, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और स्वास्थ्य नीति का पालन कराने के लिए निर्देश दिए जाने के लिए भी कहा है।
याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र के जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम का पालन गैरजिम्मेदाराना ढंग से कर चिकित्सा जगत को कलंकित किया है। नसबंदी करने वाले डॉक्टर को डॉक्टर डेथ तक कहा गया। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया।
राज्य सरकार द्वारा जिम्मेदारों के खिलाफ की गई कार्रवाई भी संतोषजनक नहीं रही। याचिका में राज्य शासन, प्रमुख सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य संचालक, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी।
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