आगरा: पुलिस, नेताओं के डर से मुसलमान भागे
- 11 दिसंबर 2014
जबरन धर्मांतरण पर हुए विवाद के बाद आगरा के वेदनगर कालोनी के कई बाशिंदे अपनी झोपड़ियों को छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं. गुरूवार की सुबह स्थानीय पुलिस ने इस झोपड़पट्टी में कूड़ा चुनने का काम करने वाले लोगों के ठेकेदार इस्माइल शेख को हिरासत में ले लिया है.
ठेकेदार की पत्नी मुनीर बेगम ने बीबीसी को बताया कि गुरुवार सुबह पुलिस उनकी झोपड़ी पर आई और उनके पति को अपने साथ ले गयी. उन्होंने कहा,"पुलिसवाले कह रहे थे कि उन्हें पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है."
इससे पहले इस्माइल शेख़ के बयान के आधार पर आगरा की पुलिस ने जबरन धर्मान्तरण के मामले में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी. हलांकि एफ़आईआर में आरोपी बनाए गए व्यक्ति की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
बस्ती से भाग रहे हैं लोग
कूड़े के अंबार के बीच टूटी फूटी झोपड़ियों में रहने वाले इन लोगों में अब दहशत है. उन्हें डर है कि उन्हें पुलिस और स्थानीय नेता परेशान कर सकते हैं.
यहीं पर रहने वाले रमजान शेख़ का कहना है कि उनकी बस्ती से कम से कम दस मुसलमान परिवार जा चुके हैं.
हलाकि बस्ती में मौजूद प्रशासन के अधिकारियों ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि चूँकि यह सब कूड़ा चुनने वाले लोग हैं, इसलिए सब अपने काम पर निकल गए हैं.
ठेकेदार की पत्नी मुनिरा बेगम का कहना है कि सोमवार को हिंदूवादी संगठन के एक स्थानीय एक कार्यकर्ता उनकी बस्ती पहुंचे और उनसे कहा कि वो उनके राशन कार्ड बनवा देंगे.
उनका कहना था,"वो कहने लगे कि हम यहाँ एक मंच बनायेंगे और कुछ कार्यक्रम करेंगे. हम भला आपत्ति कैसे कर सकते थे. हम खुद झोपड़ी में रहते हैं. यह हमारी अपनी ज़मीन नहीं है."
हवन से धर्मांतरण
मुनीर का कहना था कि हवन का कार्यक्रम जब चल रहा था तो कार्यकर्ता के साथ आये लोगों ने महिलाओं से बुर्का पहन कर आने कहा. "हमारे पास तो बुर्का है ही नहीं इस लिए मर्दों से कहा गया कि वो टोपी पहन कर आयें."
सोमवार को इस कार्यक्रम में शामिल बस्ती के लोगों का कहना है कि वहां आये लोगों ने उनसे हवन के दौरान वैसा ही करने को कहा जैसा पंडित कर रहे थे. वो कहते हैं:" बाद में जब हवन ख़त्म हुआ तो हमसे कहा गया कि अब आप हिन्दू बन गए हैं."
मगर इसी बस्ती में रहने वाली मुमताज़ ने बताया कि किसी के साथी कोई ज़बरदस्ती नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि जो लोग भी हवन में गए, वो अपनी मर्ज़ी से गए थे.
मगर इस घटना के बाद माहौल ज़रूर गर्म हो गया है क्योंकि चारों तरफ बैठकें ही चल रहीं हैं. कहीं मुस्लिम संस्थानों की तो कहीं हिंदूवादी संगठनों की. मुहब्बत की नगरी में नफरत की चिंगारी न भड़क पाए इसलिए स्थानीय प्रशासन ने वेदनगर बस्ती और आस पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है.
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