अपने सद्विचारों वाले धार्मिक भारत राष्ट्र में
हमारी तरफ से भेजे गए सुरक्षा बलों के सैनिक
भारतीय आदिवासी बच्चों को जान से मारते हैं
तथा बच्चों की अंगुली काट देते हैं
क्योंकि उन बच्चों के पिताश्री की भूमि के नीचे खनिज सम्पदा है
जिसे भारतीय शहरी अमीरों के हितार्थ निकाल कर विदेशी भट्टियों में झोंका जाना है
इस प्रकार भारत के मूल निवासियों यानी आदिवासियों के बच्चों की हत्या पर
भारत राष्ट्र के सभी धार्मिक लोग निःशब्द रहते हैं
क्योंकि उस दिन हमारा धर्म सामूहिक राष्ट्रीय छुट्टी पर गया हुआ होता है
हमारा धर्म तो तभी जागता है जब पाकिस्तान में कुछ बुरा होता है
बस्तर में हमारे अर्धसैनिक बलों द्वारा मार डाले गए बच्चों के चित्र आप सब की सेवा में अर्पित हैं
इनके माता पिता आज भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं
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