Monday, April 20, 2015

वन अधिकार पट्टे के लिए तरस रहे फुटहामुड़ा के कमारों ने फिर से ग्रामसभा बुलाने की मांग की


वन अधिकार पट्टे के लिए तरस रहे फुटहामुड़ा के कमारों ने फिर से ग्रामसभा बुलाने की मांग की 



Posted:   Updated: 2015-04-21 10:52:31 ISTdhamtari : Tribal yearning for lease
छत्तीसगढ़ के पिछडे संरक्षित जनजाति के आदिवासी कमारों ने वन अधिकार पट्टे के लिए ग्रामसभा बुलाने की मांग की है। वहीं कलक्टर ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
धमतरी. वन अधिकार पट्टे के लिए तरस रहे फुटहामुड़ा के कमारों ने फिर से ग्रामसभा बुलाने की मांग की है। कलक्टर भीम सिंह से मिलकर कमारों ने शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से अपनी� नाराजगी जाहिर की।
ग्राम पंचायत माकरदोना के आश्रित ग्राम फुटहामुड़ा के 19 कमार परिवार वन अधिकार पट्टे के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं। ग्राम पंचायत से लेकर जनपद तक इसके लिए फरियाद की। जिला पंचायत और कलेक्टे्रट में भी कई बार आवेदन-निवेदन किया गया,पर भी उन्हें पट़्टा नहीं मिल सका। सोमवार को एक बार फिर रामसिंह, देवराम आदि कमारों ने कलक्टर से मिलकर पुन: ग्रामसभा बुलाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि गांव में पहले ग्रामसभा आयोजित हुई थी, जिसमें कुछ लोगों के विरोध पर इन कमारों को वन अधिकार पट्टा की अनुशंसा नहीं की जा सकी। गांव मे करीब 20 सालों से रह रहे उक्त कमारों को अपनी जिंदगी चलाने केे लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि वन अधिकार पट्टा मिल जाए, तो वे भी सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी सके। कलक्टर ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
ग्राम रीवांगहन में मनरेगा भुगतान लटका
ग्राम रीवांगहन में मनरेगा काम का अब तक भुगतान नहीं हुआ है, जिससे मजदूरों में रोष बढ़ता जा रहा है। अर्थाभाव से जूझ रहे मजदूरों ने सोमवार को कलक्टे्रट पहुंचकर इसकी शिकायत की।
बताया गया है कि रीवागहन में मनरेगा के तहत स्टाप डेम का निर्माण किया गया था। यह कार्य जनवरी 2014 में हुआ था। करीब 4 सौ मजदूर इसमें लगे थे, पर आधे मजदूरों का ही भुगतान हो सका है। बार-बार ग्राम पंचायत और जनपद का चक्कर काट रहे है, पर भी मजदूरी नहीं मिल रही।
मजदूरों में नाराजगी
इससे नाराज मजदूरों ने सोमवार को सीधे कलक्टर भीम सिंह के पास पहुंच गए और अपनी व्यथा जताई। मजदूरों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद तत्काल उन्हें भुगतान कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। कलक्टे्रट पहुंचने वाले मजदूरों में कमला बाई, सुहागा बाई, सुनीता बाई, सगाराम, हेमराज, शकुन बाई,जयराम, बुधारू राम, अर्चना साहू, जागेश्वरी, गणेशिया बाई, तुलसी बाई आदि शामिल थी।
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