Monday, April 27, 2015

पांच खदानों में बंद है काम, 15 हजार श्रमिक बेरोजगार

पांच खदानों में बंद है काम, 15 हजार श्रमिक बेरोजगार

Posted:   Updated: 2015-04-25 17:42:12 ISTFive mines off work, 15 thousand workers unemployed
जिले के पांच खदानों में 25 दिनों से खनन का कार्य बंद है। इन हालात में इन खदान में काम करने वाले लगभग 15 हजार श्रमिक बेकार बैठे हैं।
रायगढ़. जिले के पांच खदानों में 25 दिनों से खनन का कार्य बंद है। इन हालात में इन खदान में काम करने वाले लगभग 15 हजार श्रमिक बेकार बैठे हैं। एक अनुमान के अनुसार एक खदान में लगभग ढाई से तीन हजार श्रमिक कार्य करते हैं। वहीं क्षेत्र के युवा, श्रमिकों एवं बेरोजगारों का धैर्य अब टूटने लगा है। एक-एक दिन व्यतीत करना इनके लिए दूभर हो गया है। इनकी ओर से किसी प्रकार खदानों को चालू होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिससे उन्हें कुछ कार्य मिले। यहां खदानों में ठेका पर काम करने वाले मजदूरों की स्थिति बदहाल हो गई है। स्थिति यह बताई जा रही है कि इनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है।
विदित हो कि वर्तमान में पांचों खदानें बालको, हिंडाल्को, मोनेट और कोल इंडिया के जिम्मे हैं। ऐसे में जहां बालको, हिंडाल्को और मोनेट की खदानों में खनन का कार्य शुरू नहीं हो सका है। वहीं जिंदल की दो खदानें जो अब कोल इंडिया के जिम्मे हैं वहां भी खनन का कार्य शुरू नहीं हो सका है। इससे इन खदानों में काम करने वाले लगभग 12 से 15 हजार श्रमिकों के सामने बेरोजगारी की समस्या उठ खड़ी हुई है। वहीं खदान कब तक चालू होगी इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है ऐसे में पलायन के तैयारी की भी बात कही जा रही है।
कैसे होगी भरपाई
क्षेत्रीय बेरोजगार बीते 25 दिनों से काम की उम्मीद में भटक रहे हैं। उन्हें ये पता नहीं कि पिछले 25 दिनों का पारिश्रमिक उन्हें कहां से मिलेगा। उन्हें इस बात की चिंता है कि विगत दिनों का पारिश्रमिक एसईसीएल या निजी खदानें देगी या नहीं। वहीं इस मामले में फिलहाल कोई जवाब देने वाला नहीं है।
यह है सरकारी प्रक्रिया
अब यदि सरकारी प्रक्रिया की बात की जाए तो निजी खदानों की ओर से आवेदन खनिज विभाग में लगा दिया गया है। खनिज विभाग इस पर अपनी कार्रवाई प्रारंभ कर चुका है। ऐसे में राजस्व, फारेस्ट, पर्यावरण आदि विभागों से प्रतिवेदन मंगवाया गया है। जैसे ही प्रतिवेदन आता है, प्रस्ताव बनाकर रायपुर भेजा जाएगा जिसके बाद लीज की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इस कार्रवाई में लगभग एक माह लगने की बात कही जा रही है। इन हालात में यह तय नहीं हो रहा है कि खनन कब होगा।
असमंजस में कोल इंडिया
कोल इंडिया के जिम्मे जिंदल की दो खदानें हैं। ऐसे में यहां भी खनन शुरू करने के मामले में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। अधिकारियों ने कभी यह कहा कि जल्द ही कार्य को शुरू कर दिया जाएगा। सर्वे का कार्य किया जा रहा है, फिर सर्वे भी पूरा हो गया। वहीं कुछ अधिकारियों की ओर से मामला कोर्ट में होने और फैसला आने की बात कही जा रही है। इन दोनों से उलट कुछ अधिकारियों की ओर से यह भी कहा गया कि बस खनन का कार्य शुरू होने वाला है। अब कोल इंडिया के इस असमंजस की स्थिति के बाद यह तय नहीं हो पा रहा है कि खनन कब से होगा।
निजी खदानों की स्थिति
दो खदानों के बाद जिले की तीन निजी खदानें जिसे हिंडाल्को, बालको और मोनेट को दिया गया है। यहां की स्थिति यह बताई जा रही है कि अभी इन खदानों को शुरू होने में लगभग एक माह और लग सकता है। खदानों के आपस में हैंड ओवर और टेकओवर की प्रक्रिया अंतिम चरण में बताई जा रही है। जबकि दूसरी ओर सरकारी प्रक्रिया भी शुरू होने की बात कही जा रही है। ऐसे में एक माह लगने की बात कही जा रही है। इन हालात में पहले ही लगभग एक माह का समय बीत चुका है। सबसे ज्यादा परेशानी ठेके पर काम करने वाले मजदूरों को ह

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