Monday, April 20, 2015

पिता ने उठाई मांग, मीना खलखो के दोषियों के नाम हो उजागर

पिता ने उठाई मांग, मीना खलखो के दोषियों के नाम हो उजागर 


मीना  खलको के  माता पिता

मीना खलखो के माता-पिता बुद्धेश्वर व बुतियारों ने प्रेसवार्ता कर शासन से दोषी पुलिसकर्मियों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की है।
अंबिकापुर/रायपुर. बहुचर्चित मीना खलखो मामले में न्यायिक जांच आयोग ने 24 पुलिसकर्मियों को दोषी बताया है लेकिन नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस मामले में मीना खलखो के माता-पिता बुद्धेश्वर व बुतियारों ने प्रेसवार्ता कर शासन से दोषी पुलिसकर्मियों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की है।
उन्होंने मामले की सीआईडी जांच कराए जाने का भी विरोध किया है। गौरतलब है कि चांदो के ग्राम करचा निवासी 17 वर्षीय मीना खलखो को 6 जुलाई 2011 की अल सुबह 3.30 बजे चांदो पुलिस ने चेंड्रा नाले के पास कथित माओवादी मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मामले में पुलिसकर्मियों पर मीना खलखो से बलात्कार के बाद गोली मारकर हत्या करने की बात सामने आई थी।
इसके बाद फर्जी मुठभेड़ के दोषी थाना प्रभारी निकोदिन खेस सहित 24 पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले में न्यायालय में सालभर गवाही चली।इस संबंध में पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि गवाहों के बयान के आधार पर न्यायिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में थाना प्रभारी सहित 24 पुलिसकर्मियों को दोषी बताया है।
माओवादी नहीं थी मीना
मृतिका के पिता बुद्धेश्वर व अधिवक्ता ने बताया कि मीना माओवादी नहीं थी। घटना दिवस वह अपने सहेली के घर से वापस आ रही थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया तथा उसके साथ बलात्कार कर गोली मार दी थी। तात्कालीन सरगुजा कलक्टर ने 14 अगस्त 2011 को पत्र लिखकर बताया था कि पुलिस की गोली से मीना की मौत हुई है। वह घर की इकलौती कमाने वाली सदस्य थी। कलक्टर के निर्देश पर 16 अगस्त को संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार ने पत्र लिखकर पटवारी को� मुआवजा राशि के रूप में 2 लाख रुपए का भुगतान करने कहा था। वहीं, थानेदार निकोदिन खेस से तर्क में भी मीना का माओवादी नहीं होना साबित हो गया था।

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