Saturday, September 20, 2014

लेकिन सरकार ने कंपनियों से कहा कि आप कोयला खोद लीजिए



लेकिन सरकार ने कंपनियों से कहा कि 
आप कोयला खोद लीजिए 

कोयले की अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाज़ार में ऊंची कीमत थी
लेकिन सरकार ने कंपनियों से कहा कि
आप कोयला खोद लीजिए
हमें सत्रह रूपये मीट्रिक टन ( एक हज़ार किलो= एक मीट्रिक टन ) के हिसाब से रायल्टी दे दीजियेगा
भारत के महालेखाकार ने चोरी पकड़ ली
उन्होंने कहा कि रायल्टी आपने ली वो तो ठीक है
पर कोयले की कीमत कहाँ गयी ?
यह अरबों रूपये का घोटाला था
घोटाला भूल जाइए
आपका कोयला खत्म हो जाएगा
तो आपका अपना औद्योगीकरण समाप्त हो जाएगा
खनिजों को समाप्त कर लोगे तो उद्योग कैसे चलाओगे साहब ?
सारे खनिज बस इसी पीढ़ी के लिए हैं क्या ?
अंधाधुंध खानें खोदो
अंधाधुंध मुनाफा कमाओ
शराब जुआ और अय्याशी में पैसा उड़ाओ
अंधाधुंध खर्च करो
धरती के गर्भ को खाली कर दो
ज़मीन को बंजर बना दो
नदी को ज़हरीला कर दो
और मर जाओ
खैर
कोयला घोटाले का मामला सुप्रीम कोर्ट में आया
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कोयला घोटाले के मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा
घोटाले में फंसे हुए अपराधी सीबीआई डाइरेक्टर से मिलने आने लगे
डाइरेक्टर के घर के गेट पर रखे हुए रजिस्टर में सबका नाम लिखा जाता था
वो रजिस्टर किसी ने इस मामले को लड़ने वाले
वकील प्रशांत भूषण को दे दिया
प्रशांत भूषण ने वो रजिस्टर सुप्रीम कोर्ट के सामने रख दिया
डाइरेक्टर ये भी नहीं कह रहा कि ये रजिस्टर झूठा है
अब सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के डाइरेक्टर से ये नहीं पूछ रहा कि बताओ मिस्टर डाइरेक्टर
ये अपराधी जिनकी तुम जांच कर रहे थे तुमसे क्यों मिलते थे ?
उलटे सुप्रीम कोर्ट
वकील प्रशांत भूषण से ये पूछ रहा है कि
आप ये बताइये कि ये रजिस्टर आपको किसने दिया ?
अब ये तो कोई भी समझ जाएगा कि
सुप्रीम कोर्ट किसे बचा रहा है
और किसे बेवजह धमका रहा है
आप एक बात समझ लीजिए
इस देश की सारी राजनीति
और आपके लोकतंतर के सारे पहिये
इस देश के संसाधनों की लूट
से मिले अरबों रूपये के मुनाफे के चारों तरफ घूम रहे हैं
इस देश के चुनावों में पैंतीस हज़ार करोड़ रुपया
देशी विदेशी कंपनियों ने भाजपा को जिताने में लगाया है
क्या इन कंपनियों ने ये पैसा हिंदू धरम
को बचाने के लिए लगाया था ?
अगर ऐसा समझते हैं
तो नादान हैं आप
असल में इन्होने भारत के खनिज
जंगल
पहाड़ नदी
सब पर कब्ज़ा करने के लिए मोदी
को जिताया है
अब आप पूरे पांच साल
इसी पूंजी का खेल देखेंगे
अलबत्ता आपको बेवकूफ बना कर सत्ता हाथ में रखने के लिए
लव जेहाद
मदरसों पर तिरंगा
वगैरह शगूफे छोड़े जाते रहेंगे
लेकिन अंदर अंदर
भारत की लूट जारी रहेगी
हमारे बच्चों को नौकरियों का भरम दिखा कर
चुप रखा जाएगा
वो इस लूट को देख कर भी
चुप रहेंगे
बच्चे नौकरियों के अलावा किसी और काम के नहीं बचेंगे
ये खेल सारी दुनिया में चालू है दोस्त
उधर अफ्रीका में कबीलों के बीच लड़ाइयां करवा कर
कहीं मुस्लिम आतंवाद को समाप्त करने के नाम पर
फौजें दुनिया भर में भेज दी गयी हैं
ईराक के तेल पर
अफगानिस्तान के खनिजों पर
बहाने बना कर कब्ज़ा आपकी नज़रों के सामने ही तो किया गया था
क्या आपको नहीं पता
ओसामा को किसने खड़ा किया था ?
सीरिया में कद्दाफी के विरोधियों को किसने हथियार दिए थे ?
आई एस आई एस का मुखिया किसका एजेंट है ?
जी सही पहचाना
अमरीका का
तो जनाब अमरीका की अमीरी
के लिए फौज और जंग लाजमी है
अमीरी बंदूक की नली से निकलती है जनाब
मेहनत तो मजदूर भी करता है
मेहनत से अमीरी नहीं आती
इसलिए भारत के आदिवासी इलाकों में भी
बंदूकधारी सैनिक भेज दिए गए हैं
ताकि देशी विदेशी सेठों की अमीरी बनी रहे
सरकारें इन्ही सेठों की की
अदालतें इन्ही सेठों की
सिपाही इन्ही सेठों के
यूनिवर्सिटियां इन्ही सेठों के लिए
आप हिंदू मुसलमान
बड़ी ज़ात छोटी ज़ात खेलते रहिये
और अपने बच्चों को इन सेठों की गुलामी के लिए स्कूल में पढ़ने भेजते रहिये

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