छला महसूस कर रहे हैं 'आगरा के नए हिंदू'
- 30 मिनट पहले
बीते सोमवार को आगरा में 200 से ज़्यादा मुसलमानों ने कथित तौर पर हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था, लेकिन अब कई कह रहे हैं कि धोखे से उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया.
आगरा के बाहरी इलाक़े में रहने वाले बंगाली मुसलमान कई साल से कबाड़ी का काम कर रहे हैं. कथित धर्म परिवर्तन का यह कार्यक्रम बजरंग दल ने आयोजित करवाया था.
दल के सह-संयोजक अज्जू चौहान कहते हैं, "यहां 57 परिवारों ने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है. इनके परिवार वालों ने 25-30 साल या उससे भी पहले इस्लाम कुबूल कर लिया था. लेकिन अब इन्हें समझ आया है कि हिंदू धर्म में ही इनके हित सुरक्षित हैं और इसलिए इन्होंने धर्म में वापसी की है."
'अलीगढ़ में 25 दिसंबर को'
जबकि बंगाली मुसलमानों का कहा है कि उन्हें धोखे में रखा गया और वह डर के मारे कुछ कह नहीं पाए.
एक महिला ने बताया, "ये लोग आए और कहा कि तुम अच्छे-अच्छे कपड़े पहनकर हमारे साथ बैठो. हमें बिल्कुल पता नहीं था कि ये हमें मुसलमान से हिंदू बना रहे हैं. पहले हमें कुछ नहीं पता था. इन्होंने बोला था कि तुम्हारा आईडी प्रूफ़ बनवा देंगे."
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "तब हम डर के मारे कुछ बोले नहीं. हमें डर था कि अभी बोले तो यहाँ झगड़ा भी हो सकता है."
पुलिस में मामला
पुलिस ने ग़ैरक़ानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करवाने का मामला दर्ज कर लिया है.
ज़िलाधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा, "ग़ैरक़ानूनी ढंग से धर्मपरिवर्तन की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. कल ही कुछ लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है. जो भी ग़लत पाया जाएगा उसे कठोर सज़ा दी जाएगी."
धर्मातंरण के इस मामले पर बुधवार को संसद में भी आक्रोश व्यक्त किया गया. सरकार ने कहा कि वह देश के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों और जनतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
उधर, कई हिंदू संगठनों ने ऐलान किया है कि वह क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर को 5,000 ईसाइयों और मुसलमानों को 'हिंदू धर्म में वापस लाएंगे'.
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