Friday, February 17, 2017




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घुटकू जनसुनवाईः ग्रामीणों ने किया कोलवाशरी विरोध का फैसला

Posted in मेरा बिलासपुर
 By Editor On February 17, 2017
सीजी वाल से साभार



बिलासपुर— घुटकू और निरतु के ग्रामीणों ने आज बैठक कर फिल कोलवाशरी प्लांट के विस्तार के खिलाफ आवाज उठाने का एलान किया है। बैठक में ग्रामीणों ने जनसुनवाई के दौरान प्लांट के विरोध में रहने का फैसला किया है। ग्रामीणों ने बताया कि एक बार पहले भी हमं कोलवाशरी के लिए विस्थापित किया। जिसका दर्द अभी तक भोग रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। क्षेत्र के कोल वाशरी ने हमारे जीवन को नरक बनाकर रख दिया है। 22 फरवरी को होने वाले जनसुनवाई में शासन को अपना फैसला सुना देंगे। लेकिन इस बार किसी की चालबाजी को कामयाब भी नहीं होने देंगे।

                  दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में आज निरतु और घूटकू के ग्रामीणों ने घुटकू में एक बैठक कर फिल कोलवाशरी विस्तार का विरोध करने का फैसला किया है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने कोलवाशरी के खिलाफ दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में जंग का भी एलान कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले इसी कोलवाशरी के कारण हमें छल प्रपंच कर हटाया गया था। हमने तब भी विरोध किया था। लेकिन सरपंच सचिव और पंचों न कोलवाशरी के मालिक और शासन के अधिकारियों से मिलकर जमीन से बेदखल कर दिया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

                          ग्रामीणों के अनुसार पिछली बार जमीन छोड़ने के बाद भी हमें चैन से नहीं रहने दिया जा रहा है। एक दिन ऐसा आएगा कि हमें अपने जमीन से बेदखल करने का भी आदेश शासन जारी कर देगा। हमें विकास जरूर चाहिए लेकिन ऐसे विकास का क्या मतलब रह जाता है जो सुख से ज्यादा दुख पहुंचाए। हम लोग कम खाएंगे लेकिन जिन्दगी भर का रोग नहीं लेंगे। क्षेत्र में कई कोलवाशरी हैं। इसके चलते हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि कोल वाशरी का विस्तार किया गया तो हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा।

           गांव के ही एक बुजुर्ग ने बताया कि कोलवाशरी के आने से आसपास की जमीन बंजर हो गयी है। हवा में कोयले का जहर घुल गया है। भूमि जलस्तर गिर गया है। कोलवाशरी के पहले हमें कभी भी पानी की तकलीफ नहीं हुई…लेकिन अब ऐसा नहीं है। जहरीला पानी पीने से ना केवल जानवर बल्कि जनसामान्य लोग कई प्रकार के रोग का शिकार हो रहे हैं। औसत उम्र से पहले ही लोग मरने को मजबूर है। शासन स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तो हुआ है। लेकिन कोयले के जहर ने सुविधाओं को भी रोगी बना दिया है।

                        बैठक के दौरान एक महिला ने बताया कि कोयला ने पहले से ही हमारे जीवन को बद से बदतर कर दिया है। पिछली बार जनसुनवाई में हमने कोलवाशरी का विरोध किया था लेकिन सरपंच ने हमें अंधेरे में रखकर एनओसी दे दिया। किस्सा अब समझ में आ चुका है। इसकी पुनरावृत्ति नहीं करने देंगे। जनसुनवाई में केवल सरपंच और पंच को बोलने दिया जाता है। सरपंच और सचिव ने पैसा लेकर पिछली बार एनओसी दे दिया। लेकिन इस बार जनसुनवाई में हम लोग बोलेंगे। गांव केवल लालची सरपंचो का ही नहीं….हमारा भी है….। हम लोगों ने तय किया है कि दिलीप अग्रवाल ग्रामीणों की तरफ से जनसुनवाई में हमारी बातों को रखेंगे। जो भी फैसला होगा हमें मान्य है। लेकिन कोलवाशरी विस्तार को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

            बैठक में कुछ सरपंच भी मौजूद थे। उन्होने बताया कि सरपंच को नोटिस मिल चुका है। लेकिन इस बारे में किसी को अभी तक कुछ नहीं बताया है। हमें मालूम है कि सरपंच और सचिव कोलवाशरी के लोगों से मिला हुआ है। लेकिन इस बार उसकी चालाकी को कामयाब नहीं होने देंगे। पंच ने बताया कि पिछली बार हमने विरोध किया था। बावजूद इसके कुछ रूपयों के चक्कर में सरपंच ने मौत को एनओसी दे दिया। जिसका दर्द अब तक बर्दास्त कर रहे हैं। चूंकि जमीन हमारी है इसलिए हमें अपने और गांव के बारे में फैसला करने का पूरा अधिकार है।

                         बैठक के नेता दिलीप ने कहा कि ग्रामीण नहीं चाहते कि क्षेत्र में किसी भी कोलवाशरी का विस्तार या नया प्लांट लगे। जनसुवाई में कोलवाशरी विस्तार का विरोध किया जाएगा। कमोबेश सभी 13 गांव के लोग यही चाहते हैं।

      बैठक में वुजुर्ग और जवानों के अलावा महिलाओं की संख्या ज्यादा दिखाई दी। महिलाओं ने इस दौरान सहकारी बैंक से रूपए नहीं मिलने की बात भी कही। साथ ही दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में कोलवाशरी विस्तार का विरोध भी किया।

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 By Editor On February 17, 2017
सीजी वाल से साभार



बिलासपुर— घुटकू और निरतु के ग्रामीणों ने आज बैठक कर फिल कोलवाशरी प्लांट के विस्तार के खिलाफ आवाज उठाने का एलान किया है। बैठक में ग्रामीणों ने जनसुनवाई के दौरान प्लांट के विरोध में रहने का फैसला किया है। ग्रामीणों ने बताया कि एक बार पहले भी हमं कोलवाशरी के लिए विस्थापित किया। जिसका दर्द अभी तक भोग रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। क्षेत्र के कोल वाशरी ने हमारे जीवन को नरक बनाकर रख दिया है। 22 फरवरी को होने वाले जनसुनवाई में शासन को अपना फैसला सुना देंगे। लेकिन इस बार किसी की चालबाजी को कामयाब भी नहीं होने देंगे।

                  दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में आज निरतु और घूटकू के ग्रामीणों ने घुटकू में एक बैठक कर फिल कोलवाशरी विस्तार का विरोध करने का फैसला किया है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने कोलवाशरी के खिलाफ दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में जंग का भी एलान कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले इसी कोलवाशरी के कारण हमें छल प्रपंच कर हटाया गया था। हमने तब भी विरोध किया था। लेकिन सरपंच सचिव और पंचों न कोलवाशरी के मालिक और शासन के अधिकारियों से मिलकर जमीन से बेदखल कर दिया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

                          ग्रामीणों के अनुसार पिछली बार जमीन छोड़ने के बाद भी हमें चैन से नहीं रहने दिया जा रहा है। एक दिन ऐसा आएगा कि हमें अपने जमीन से बेदखल करने का भी आदेश शासन जारी कर देगा। हमें विकास जरूर चाहिए लेकिन ऐसे विकास का क्या मतलब रह जाता है जो सुख से ज्यादा दुख पहुंचाए। हम लोग कम खाएंगे लेकिन जिन्दगी भर का रोग नहीं लेंगे। क्षेत्र में कई कोलवाशरी हैं। इसके चलते हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि कोल वाशरी का विस्तार किया गया तो हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा।

           गांव के ही एक बुजुर्ग ने बताया कि कोलवाशरी के आने से आसपास की जमीन बंजर हो गयी है। हवा में कोयले का जहर घुल गया है। भूमि जलस्तर गिर गया है। कोलवाशरी के पहले हमें कभी भी पानी की तकलीफ नहीं हुई…लेकिन अब ऐसा नहीं है। जहरीला पानी पीने से ना केवल जानवर बल्कि जनसामान्य लोग कई प्रकार के रोग का शिकार हो रहे हैं। औसत उम्र से पहले ही लोग मरने को मजबूर है। शासन स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तो हुआ है। लेकिन कोयले के जहर ने सुविधाओं को भी रोगी बना दिया है।

                        बैठक के दौरान एक महिला ने बताया कि कोयला ने पहले से ही हमारे जीवन को बद से बदतर कर दिया है। पिछली बार जनसुनवाई में हमने कोलवाशरी का विरोध किया था लेकिन सरपंच ने हमें अंधेरे में रखकर एनओसी दे दिया। किस्सा अब समझ में आ चुका है। इसकी पुनरावृत्ति नहीं करने देंगे। जनसुनवाई में केवल सरपंच और पंच को बोलने दिया जाता है। सरपंच और सचिव ने पैसा लेकर पिछली बार एनओसी दे दिया। लेकिन इस बार जनसुनवाई में हम लोग बोलेंगे। गांव केवल लालची सरपंचो का ही नहीं….हमारा भी है….। हम लोगों ने तय किया है कि दिलीप अग्रवाल ग्रामीणों की तरफ से जनसुनवाई में हमारी बातों को रखेंगे। जो भी फैसला होगा हमें मान्य है। लेकिन कोलवाशरी विस्तार को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

            बैठक में कुछ सरपंच भी मौजूद थे। उन्होने बताया कि सरपंच को नोटिस मिल चुका है। लेकिन इस बारे में किसी को अभी तक कुछ नहीं बताया है। हमें मालूम है कि सरपंच और सचिव कोलवाशरी के लोगों से मिला हुआ है। लेकिन इस बार उसकी चालाकी को कामयाब नहीं होने देंगे। पंच ने बताया कि पिछली बार हमने विरोध किया था। बावजूद इसके कुछ रूपयों के चक्कर में सरपंच ने मौत को एनओसी दे दिया। जिसका दर्द अब तक बर्दास्त कर रहे हैं। चूंकि जमीन हमारी है इसलिए हमें अपने और गांव के बारे में फैसला करने का पूरा अधिकार है।

                         बैठक के नेता दिलीप ने कहा कि ग्रामीण नहीं चाहते कि क्षेत्र में किसी भी कोलवाशरी का विस्तार या नया प्लांट लगे। जनसुवाई में कोलवाशरी विस्तार का विरोध किया जाएगा। कमोबेश सभी 13 गांव के लोग यही चाहते हैं।

      बैठक में वुजुर्ग और जवानों के अलावा महिलाओं की संख्या ज्यादा दिखाई दी। महिलाओं ने इस दौरान सहकारी बैंक से रूपए नहीं मिलने की बात भी कही। साथ ही दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में कोलवाशरी विस्तार का विरोध भी किया।

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