Saturday, January 7, 2017

गांधीवादी जय प्रकाश नारायण के बनाए लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) को नक्सल समर्थक संगठन बता रहे हैं।




आपातकाल में भाजपा नेता थे जिसके सदस्य, अब उसे बता रहे नक्सली संगठन.

Sat, 07 Jan 2017
( नई दुनिया )

गांधीवादी जय प्रकाश नारायण के बनाए लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) को नक्सल समर्थक संगठन बता रहे हैं।
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रायपुर, ब्यूरो। बस्तर में पुलिस समर्थक संगठन अग्नि गांधीवादी जय प्रकाश नारायण के बनाए लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) को नक्सल समर्थक संगठन बता रहे हैं। अग्नि का कहना है कि नक्सल समर्थन में अगर अब इस संगठन का कोई आया तो उसे मार दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर अग्नि के इन हमलों पर मानवाधिकारवादियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

इसे लोकतंत्र विरोधी कृत्य बताते हुए इसकी निंदा कई संगठनों ने की है। पीयूसीएल ने कहा है कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए स्थापित पीयूसीएल से जस्टिस तारपुंडे, जस्टिस सच्चर सहित सुप्रीम कोर्ट के कई जज व वकील, समाजवादी, भाजपा व आरएसएस के कई बड़े नेता जुड़े रहे। आपात काल के दौरान वर्तमान केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद सहित भाजपा व आरएसएस के कई नेता इस संगठन में पदाधिकारी रहे। यह कोई प्रतिबंधित संगठन नहीं है। कोई किसी को कहीं जाने से कैसे रोक सकता है? हम अपने देश में हैं, कोई पाकिस्तान नहीं जा रहे कि वीजा लेना पड़ेगा।

बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने हाल ही में साफ किया है कि बस्तर में नक्सल विरोधी मिशन-2017 में इस बार सफेदपोश नक्सलियों पर नजर रहेगी। इसके लिए अग्नि संगठन सामने आया है। सोशल मीडिया पर पीयूसीएल, जेएनयू सहित मानवाधिकार संगठनों के खिलाफ लगातार लिखा जा रहा है। कहा जा रहा कि जनता अब जागरूक हो गई है। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

* खेत में घुसने से पहले मार देंगे

अग्नि ने लिखा है-पुलिस ने बस्तर में नक्सलियों का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया है। इससे नक्सल वित्त पोषित बाहरी संचालकों में खलबली मच गई है और नक्सलियों के बस्तर में नियंत्रण को पुन: स्थापित करने वकील, पत्रकार, शोधकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ छद्म नाम से घुसकर नेटवर्क फिर से खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इस बार जनता भी इन्हें खेत में घुसने से पहले ही मार देगी।

* पुलिस से पहले जनता करेगी सामना

अग्नि की एक और पोस्ट में कहा गया है- बस्तर पुलिस जिंदाबाद, पीयूसीएल मुर्दाबाद। बस्तर पुलिस को मिशन-2017 में मिली पहली सफलता के बाद पीयूसीएल नामक नक्सल समर्थक संस्था ने एक बार फिर नक्सलियों के समर्थन में प्रेस नोट जारी कर दिया है। नक्सल समर्थकों के लिए चेतावनी है कि छद्म लबादा ओढ़कर बस्तर पहुंचने वाले नक्सलियों को अब बख्शा नहीं जाएगा। अबकी बार पुलिस से पहले उनका सामना बस्तर की जागरूक जनता से होगा।
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पीयूसीएल अब गरम वामपंथी विचारधारा का संगठन है। वे फोर्स पर आरोप लगाते हैं, पर फोर्स यहां क्यों है? अगर नक्सली समर्पण कर चले जाएं तो फोर्स खुद ही लौट जाएगी। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पीयूसीएल वाले रोकते हैं। यहां आकर माहौल खराब करते हैं। हम उन्हें रोकेंगे।
आनंद मोहन मिश्रा, राष्ट्रीय संयोजक, अग्नि

कोई किसी को न्याय पाने के संवैधानिक अधिकार से कैसे वंचित कर सकता है? लीगल एड वाले नहीं आएंगे यह कैसे होगा? रेपिस्ट और हत्यारे को भी न्याय पाने का हक होता है। लीगल एड की शालिनी गेरा हाईकोर्ट के आदेश पर बस्तर गईं, फिर भी पुलिस ने परेशान किया।
डॉ.लाखन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष पीयूसीएल, छत्तीसगढ़

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