Monday, January 23, 2017

सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया को बस्तर छोड़ने की धमकी

सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया को बस्तर छोड़ने की धमकी

  • 23 जनवरी 2017
बेला भाटिया, सामाजिक कार्यकर्ताइमेज कॉपीरइटCG KHABAR
बीते कुछ सालों से बस्तर के आदिवासियों के बीच काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने कहा है कि उन्हें कुछ अज्ञात लोगों ने बस्तर छोड़ देने की धमकी दी है.
भाटिया के मुताबिक़ सोमवार सुबह लगभग 30 लोग कई गाड़ियों में उनके घर पहुंचे और उनसे तुरंत बस्तर छोड़ चले जाने के लिए कहा और 24 घंटे में ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी.
बेला भाटिया ने कहा,"उन्होंने मुझे नक्सली बताते हुए मेरे ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की, मुझे धमकाया. उन्होंने तुरंत मकान खाली नहीं करने पर मेरा घर जला देने और मेरे पालतू कुत्ते को गोली मार देने की धमकी भी दी."
बेला भाटिया, सामाजिक कार्यकर्ताइमेज कॉपीरइटCG KHABAR
उन्होंने बताया कि हालात बिगड़ता देख वे कपड़ा बदलने के बहाने घर के अंदर गईं और वहां से बस्तर के ज़िलाधिकारी को पूरे मामले की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन पुलिस के सामने भी उन्हें धमकाया गया.
छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि बेला भाटिया के घर पहुँचे लोग गाँव के ही लोग थे जिन्होंने उनके घर जाकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदेश के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) अभिषेक पाठक ने कहा कि सूचना मिलने के बाद तत्काल एक पुलिस टीम को बेला भाटिया के निवास भेजा गया और पुलिस के समझाने के बाद ग्रामवासी लौट गए.
हालाँकि बेला भाटिया का कहना है उनमें से कोई भी आदमी उस परपा गांव का नहीं था, जहां वे रहती हैं और अधिकांश लोगों ने अपने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा थे.
उन्होंने कहा कि उन्होंने और उनकी मकान मालिक ने 24 घंटे में मकान खाली करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ही भीड़ वहां से गई.
छत्तीसगढ़ में काम कर रहे मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल के अध्यक्ष डॉक्टर लाखन सिंह ने कहा कि बेला भाटिया के मकान मालिक को कुछ दिन पहले ही धमकी दी गई थी.
माओवादी सम्मेलनइमेज कॉपीरइटCPI MAOIST
डॉक्टर लाखन सिंह ने कहा,"बस्तर में फ़र्जी मुठभेड़ और आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न को उजागर करने में बेला भाटिया की मुख्य भूमिका रही है. राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और दूसरे संगठनों ने बस्तर पुलिस पर लगे आरोपों को सही पाया."
उन्होंने कहा कि इसके बाद से ही मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की तरह बेला को भी डराने धमकाने की कोशिशें की जा रही हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि बस्तर पुलिस के संरक्षण में असामाजिक तत्वों ने वहां भय और आतंक का एक ऐसा माहौल बना दिया है जिसमें आम आदमी असुरक्षित है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहांक्लिक कर सक

No comments:

Post a Comment