Saturday, September 26, 2015

बहादुर और निर्भीक महिला कमला काका को नक्सली बनाने पे तुली है छत्तीसगढ़ी पुलिस

बहादुर और निर्भीक महिला कमला काका को नक्सली बनाने पे तुली है छत्तीसगढ़ी पुलिस 

बहादुर और निर्भीक महिला कमला काका को नक्सली बनाने पे तुली है छत्तीसगढ़ी पुलिस 
कोत्तागुडा गाव , बरसगुडा थाना जिला बीजापुर की 26 वर्षीय आदिवासी महिला कमला काका अभी दंतेवाडा में नर्स की पढाई कर रही हैं
कमला काका सारके गुडा फर्जी हत्या कांड की पीड़ित और प्रत्यक्ष दर्शी गवाह है जो बिना किसी डर से पूरी घटना की बात करतीं है .
सारकेगुडा का ऐसा सच जो कभी बाहर नहीं आता यदि ये सच्चाई कमला बाहर नहीं लाती , कमला ने न केवल इस हत्याकांड को दुनिया के सामने स्पस्ट किया बल्कि दुसरे दिन से ही इसका नेतृत्व किया .
                              
सारकेगुडा फर्जी मुठभेड़ 

28 और 29 जून 2012 की रात्रि में तीन गाव कोत्तागुडा ,राजपेंटा और सरकेगुडा के लोग आने वाले त्यौहार बीज पंदुम की तयारी पे चर्चा कर रहे थे , जिसमे गाव के पुजारी ,महिलाय,े पुरुष और बच्चे ,श शामिल थे .
चर्चा चल ही रही थी की करीब 200 सीआरपी के जवानों ने चारो तरफ से घेर के अंधरे में फ़ायर शुरू कर दिया , वे इन सब को माओवादी मान रहे थे , इस फायरिंग में 17 आदिवासी इस रात को मारे गये .जिनमे 7 बच्चे शामिल थे ,10 और 15 साल के बच्चा भी मारा गया .

इस हत्याकांड में कमला काका का भतीजा काका राहुल (नागेश) 10 साल भी शामिल था .

कमला काका की भूमिका

कमला हत्या के अगले दिन ही जिला मुख्यालय बीजापुर में गाव वासियों को लेके पहुची और बताया की किस प्रकार से सीआरपी ने इस घटना को अंजाम दिया हैं , और उन्होने मरने वालो को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया .
घटना के बाद पत्रकार ,राजनेतिक दल और मानव अधिकार समूह और जनसंघटन के लोग गावं में आना शुरू हो गुए , सभी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया , कमला उस समय बेहद छोटी और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता मितानिन थी , इस वक्त कमला अदिवासियो की शाश्क्त और साफ साफ बात करने वाली आवाज बन के उभरी . उसने इस सच को दुनिया के सामने लाया और बताया की कैसे फ़ोर्स के लोगो ने चर्चा कर रहे आदिवासियों को मार दिया और कैसे कैसे मारा ,इस क्रूर अन्याय से सबको अवगत कराया .
Times of india interview
Http;//timesofindia.indiatimes.com/city/goa/cant- why-the government -targets-poor-tribals/ articleshow/17072577 , snd the documentaries " Basaguda encounter : kiling of innocent adiwasis in chhattisgarh state "
https://www.youtube.com/watch ?v-Qla-hduwe and "sarkeguda people rejected government's aid" at https:www.youtube.com/watch?v-~kxqlqbir-30 where she feature

कमला काका गाव वासियों के डेलिगेशन के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह और केन्द्रीय गृह मंत्री शुशील शिंदे से भी मिल के न्याय की मांग की .
इतनी मशक्कत के बाद न्यायिक जाँच की घोषणा राज्य सरकार ने कर दी , रिटायर्ड न्यायाधीश व्ही के अग्रवाल को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया .

कमला काका के नेत्रत्व में 14 गाव के लोग 12-13 दिसंबर 2013 की रात को आयोग के सामने हाजिर हुए .
बस इसी दिन से बीजापुर पुलिस ने कमला को धोंस देना शुरू कर दिया की उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा और पुलिस ने सुनोयोजित तरीके से अफवाह फैलाना शुरू कर दिया की कमला नक्सल के साथ है और इसने नक्सल से रुपये लिए है ,इसीलिए पुलिस के खिलाफ अभियान और गवाह दे रही है। .

पुलिस पुरे न्याय आयोग की प्रोसेस को प्रभावित कर रही है , कमला के जीवन को बड़ी थ्रेट मिल रही है पुलिस से की कमला को नक्सल घोषित करके उसपे कोई भी कार्यवाही की जा सके .

आज कमला के जीवन को भारी खतरा पैदा हो गया है,जाँच प्रभावित की जा रही है , उसे कहा जा रहा है की तुझे कभी भी विशेष जन सुरक्षा अधिनियम में गिरफ्तार किया जा सकता है और फर्जी मुठभेड़ करके मारा भी जा सकता है .
हम सब मिलकर इस बहादुर निर्भीक आदिवासी महिला के साथ आये और राष्ट्रपति तथा सुप्रीम कोर्ट से मांग करे की सारके गुडा हत्या की बिना किसी दवाव के जाँच हो और कमला काका को सुरक्षा प्रदान की जाए .

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