Saturday, November 15, 2014

सरकार लाचार Government helpless

सरकार लाचार

Government helpless


11/7/2014 3:24:27 AM
Government helpless
सरकार में बैठा एक वरिष्ठ मंत्री जब कोर्ट के सभी फैसले लागू करा पाने को मुश्किल बता रहा हो तो दूसरे मंत्रियों व अधिकारियों की मनोदशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। नितिन गडकरी जैसे मंत्री यदि न्यायपालिका के सभी फैसले लागू करा पाने में अफसोस जताने लगें तो यह मान लेना चाहिए कि न्यायपालिका के फैसलों का क्या हश्र होता होगा? सवाल उठता है कि जब सरकार ही फैसलों को लागू नहीं करा पाएगी तो न्यायपालिका का अर्थ क्या रह जाएगा? न्यायपालिका कोई भी फैसला एकतरफा नहीं सुनाती।

दोनों पक्षों के तर्क सुनकर फैसला करती है। अनेक मामलों में सरकार भी एक पक्ष होती है और सुनवाई के दौरान उनके वकील तर्क पेश करते हैं। ऎसे में जब फैसला आता है तो उसे लागू कराने की जिम्मेदारी सरकार की ही मानी जाएगी, भले ही फैसला उसके खिलाफ ही क्यों नहीं हो?

किसी भी लोकतांत्रिक देश में न्यायपालिका का अपना महत्व होता है। न्यायपालिका लोकतंत्र का ऎसा मजबूत पाया है जिसके फैसलों से असहमत होते हुए भी उसका सम्मान किया जाता है। गडकरी ने जो कहा उसमें आंशिक सच्चाई हो सकती है। एकाध फैसले ऎसे हो सकते हैं जिनको लागू कराने से कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा हो लेकिन उसका समाधान निकालने के प्रयास किए जाने चाहिए। ऎसे फैसले से जुड़े तमाम पक्षों को एक मंच पर बिठाकर रास्ता तलाशा जा सकता है लेकिन फैसले को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता।

गडकरी का यह कहना किसी के गले नहीं उतर सकता कि बहुतेरे मामलों में अदालत के फैसलों को लागू कराना मुश्किल होता है। गडकरी को केन्द्र में मंत्री पद संभाले अभी पांच महीने ही हुए हैं और इतने कम समय में ही वह ऎसी बातें कहने लग गए। विपक्ष में रहते क्या उन्होंने दूसरी सरकारों के बारे में कभी ऎसा सोचा था कि वे फैसले कैसे लागू कराती होंगी। 

विपक्ष की राजनीति और सत्ता की राजनीति का अंतर गडकरी को इतनी जल्दी समझ में आ गया इसके लिए उन्हें जरूर बधाई दी जानी चाहिए। गडकरी या सरकार में बैठे दूसरे मंत्रियों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे बोल क्या रहे हैं? गडकरी ने आज तो न्यायपालिका की बात की है। 
कल को वे कार्यपालिका के बारे में भी अपनी लाचारी जाहिर कर सकते हैं। एक मंत्री के ऎसे बयानों से सरकार का इकबाल कमजोर नजर आता है जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
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