नगरीय निकायों के गठन के खिलाफ सीपीआई
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- नगरीय निकाय चुनाव : नेताओं में छिड़ा होर्डिंग्स वारनई तहसीलों के गठन को लेकर सुगबुगाहट
- जिले में 55 नई ग्राम पंचायतों का गठअसहमतियों में उलझा छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यकारिणी का गठननगरीय निकायों से अन्य वजगदलपुर (ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां संविधान की पांचवी अनुसूची लागू है नगरीय निकायों के गठन का विरोध किया है।
पार्टी का मानना है कि नगरीय निकायों का गठन संविधान की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। पार्टी ने धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ दस क्विंटल धान की सीमा तय करने का भी विरोध किया है। बुधवार को सीपीआई ने आठ सूत्रीय मांगो को लेकर संभाग स्तरीय धरना दिया। धरना-प्रदर्शन यहां कमिश्नर कार्यालय के सामने किया गया। जिसमें पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। तीन घंटा तक धरना देने के बाद पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के नाम पर संबोधित एक ज्ञापन कमिश्नर आरपी जैन को सौंपा गया। ज्ञापन में प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में नगरीय निकायों का गठन बंद करने, धान खरीदी की सीमा खत्म करने, एनएमडीसी के परिक्षेत्रीय मद की राशि को बस्तर के बाहर खर्च करने पर रोक लगाने, स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने, मनरेगा के कार्यो की मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने, आश्रम-छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाने, नक्सलियों के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों को परेशान नहीं करने आदि मांगे प्रमुख हैं। धरना के बाद मीडिया से चर्चा में मनीष कुंजाम ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का धान खरीदने से भाग रही है।
धरना में शेख वहीद कुरैशी, मंगलराम कश्यप, शेख नसीम कुरैशी, रामनाथ नाग, हिड़मोराम, रामधर बघेल, इंदरूराम, प्रहलाद पांडे, कुंदन पाटिल, विनय चक्रवती, बुधराम नाग, सुखराम बघेल, दीपक पांडे, श्रीमती हंगी, श्रीमती राजे, श्रीमती सन्नी आदि कई प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे।
- नगरीय निकाय चुनाव : नेताओं में छिड़ा होर्डिंग्स वारनई तहसीलों के गठन को लेकर सुगबुगाहट
- जिले में 55 नई ग्राम पंचायतों का गठअसहमतियों में उलझा छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यकारिणी का गठननगरीय निकायों से अन्य वजगदलपुर (ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां संविधान की पांचवी अनुसूची लागू है नगरीय निकायों के गठन का विरोध किया है।
पार्टी का मानना है कि नगरीय निकायों का गठन संविधान की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। पार्टी ने धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ दस क्विंटल धान की सीमा तय करने का भी विरोध किया है। बुधवार को सीपीआई ने आठ सूत्रीय मांगो को लेकर संभाग स्तरीय धरना दिया। धरना-प्रदर्शन यहां कमिश्नर कार्यालय के सामने किया गया। जिसमें पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। तीन घंटा तक धरना देने के बाद पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के नाम पर संबोधित एक ज्ञापन कमिश्नर आरपी जैन को सौंपा गया। ज्ञापन में प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में नगरीय निकायों का गठन बंद करने, धान खरीदी की सीमा खत्म करने, एनएमडीसी के परिक्षेत्रीय मद की राशि को बस्तर के बाहर खर्च करने पर रोक लगाने, स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने, मनरेगा के कार्यो की मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने, आश्रम-छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाने, नक्सलियों के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों को परेशान नहीं करने आदि मांगे प्रमुख हैं। धरना के बाद मीडिया से चर्चा में मनीष कुंजाम ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का धान खरीदने से भाग रही है।
धरना में शेख वहीद कुरैशी, मंगलराम कश्यप, शेख नसीम कुरैशी, रामनाथ नाग, हिड़मोराम, रामधर बघेल, इंदरूराम, प्रहलाद पांडे, कुंदन पाटिल, विनय चक्रवती, बुधराम नाग, सुखराम बघेल, दीपक पांडे, श्रीमती हंगी, श्रीमती राजे, श्रीमती सन्नी आदि कई प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे।
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