Thursday, October 9, 2014

जनसुनवाई में भड़के ग्रामीण, खाली हाथ लौटे अफसर

जनसुनवाई में भड़के ग्रामीण, खाली हाथ लौटे अफसर


राजिम। क्षेत्र के ग्राम बेलटुकरी में आयोजित जनसुनवाई में प्रशासनिक अफसरों को ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि हम आम निस्तारी और चरागाह के लिए आरक्षित जमीन को उद्योग के लिए अधिगृहीत नहीं करने देंगे। ग्रामीणों के उग्र तेवर को देखते हुए अफसरों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि ग्राम में निस्तारी और चरागाह के लिए लगभग 70 एकड़ (26.55 हेक्टेयर) जमीन गांववालों ने आरक्षित किया है। इसको राज्य शासन ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों की अनुमति के बगैर छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को देने के लिए अधिगृहीत करने जा रहा है। इसके लिए आम सहमति बनाने के लिए एसके गुप्ता अनुविभागीय अधिकारी गरियाबंद, जीएस नाग तहसीलदार राजिम, एसके सिंग महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र गरियाबंद, राजस्व निरीक्षक चंद्रकांत शर्मा, राजस्व पटवारी जालंधर भोई की उपस्थिति में मंगलवार को ग्राम में जनसुनवाई आयोजित किया गया था।
उक्त जमीन पर एकीकृत अधोसंरचना विकास केन्द्र (आईआईडीसी)/ औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जानी है। इसके लिए 105 भू-खण्ड तैयार कर लकड़ी फर्नीचर, स्टील फर्नीचर, इंजीनियरिंग वर्कशाप, राइस मिल, पोहा मिल आदि एवं स्थानीय कधो माल पर आधारित अन्य उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए 99 साल के लिए निजी उद्योगपतियों को लीज पर दिया जाएगा इस पर आम सहमति बनाने की बात कही गई, लेकिन ग्रामवासियों के आक्रोश और विरोध प्रदर्शन के कारण अधिकारियों को दूसरी बार खाली हाथ लौटना पड़ा।
हमारी निस्तारी जमीन है
ग्रामवासियों ने कहा कि हमारी आम निस्तारी की जमीन है। उसे हम किसी भी कीमत पर किसी भी प्रकार का उद्योग लगाने नहीं देंगे। 12 मार्च 2014 को तहसीलदार राजिम द्वारा सीमांकन का प्रयास किया गया था जहां से अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा था।
क्या है मामला
ग्राम बेलटुकरी तहसील राजिम प.ह.नं.11/25 जिला गरियाबंद की शासकीय घास भूमि को ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों ने उद्यानिकी, चरागाह, खेल मैदान, शासकीय कार्यायल बनाने, पौधरोपण तथा ग्राम के आम निस्तारी के लिए आरक्षित किया है। उसी जमीन को तत्कालीन पटवारी, अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर (रायपुर) द्वारा संचालक उद्योग संचालनालय को औद्योगिक प्रयोजन के लिए हस्तांतरित किया गया है। इस पर सहमति बनाने के लिए मंगलवार को जनसुनवाई होनी थी।

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