Thursday, October 16, 2014

एक साल बाद भी नहीं मिल सका श्वेता को इंसाफ

एक साल बाद भी नहीं मिल सका श्वेता को इंसाफ


0 पुलिस की जांच ठंडे बस्ते में, न्याय की आस में परिजन
रायगढ़ (निप्र)। ओपीजेआईटी छात्रा श्वेता जांगडा की मौत के एक साल भर बाद भी पुलिस आज तक इस गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है। श्वेता की लाश के पोस्टमार्टम पर डॉक्टरों ने दो बार अभिमत दिया है। श्वेता के परिजन आज भी न्याय की आस में दर-दर भटकने मजबूर हैं।
पहले हत्या फिर आत्महत्या इसके बाद भी न तो कारण का पता और न ही आरोपी तक कानून के हाथ पहुंचे हैं। 11 अक्टूबर को साल भर पूरे हो गए पर पुलिस अब भी भूलभुलैया में भटक रही है। गौरतलब हो कि जिंदल स्टील के हिलव्यू कॉलोनी निवासी ओपीजेआईटी की छात्रा श्वेता जांगडा की मौत के मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। करीब सालभर पूर्व 11 अक्टूबर की दोपहर श्वेता परिजन को पूजा सामान लेने मार्केट जाने की बात कहते हुए स्कूटी क्रमांक सीजी 13 के 4547 से निकली, पर उसके बाद वह घर नहीं पहुंची। दूसरे दिन उसका शव मिला। बताया जा रहा है कि पूजा का सामान लेने निकली श्वेता के शाम तक घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने उसके मोबाइल नंबर पर फोन कर जानकारी लेनी चाही। मगर श्वेता का फोन स्वीच ऑफ मिला। जिसके बाद परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। दूसरे दिन खोजबीन के दौरान परिजनों को केलो डायवर्सन मार्ग पर उसकी अधजली लाश मिली। जिससे परिजन सकते में आ गए। घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस व सीएसपी सत्येन्द्र पाण्डेय मौके पर पहुंचे और शव को पीएम के लिए भेजने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके से स्कूटी, मोबाइल फोन, चाकू, मिट्टी तेल का डिब्बा व मृतक की सैंडिल मिली। पहले पुलिस मामले को हत्या मानकर चल रही थी, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी मामला खुदकुशी तक जा पहुंचा। इसी कश्मकस में पुलिस अब तक इसका पता नहीं लगा पाई है कि श्वेता जांगडा की मौत हत्या थी या खुदकुशी। लेकिन मृतका के परिजन उसकी हत्या होने की बात कह रहे हैं। वहीं मौत के एक वर्ष बाद भी पुलिस को कोई ऐसा सुराग नहीं मिला, जिससे पुलिस इस मिस्ट्री को सुलझा सके। ऐसे में परिजन को डर है कि कही श्वेता जांगडा मिस्ट्री ठंडे बस्ते में न चली जाए।
दर्जनों लोगों की गई पूछताछ
श्वेता जांगडा की मौत को सुलझाने एसपी राहुल भगत ने सीएसपी सत्येन्द्र पाण्डेय को जांच की जिम्मेदारी सौंपी, वहीं कोतवाली पुलिस भी मामले की तफ्तीश कर रही थी। पूछताछ में पुलिस ने उसकी मां, पिता, बहन व भाई से पूछताछ की, जिसके बाद पुलिस घटनास्थल पर मिले मोबाइल की कॉल डिटेल को खंगाला गया। वहीं पुलिस उसके वाट्सअप की जांच की गई। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर कॉलेज छात्रों से पूछताछ की गई। वहीं जांच अधिकारी श्री पाण्डेय द्वारा समय-समय पर परिजनों से पूछताछ कर जानकारी एकत्रित कर रही थी। शुरुआती जांच में ऐसा लग कि मामला शीघ्रसुलझा लिया जाएगा, लेकिन एक वर्ष बाद भी जांच वहीं की वहीं अटकी है।
आत्महत्या या हत्या
पुलिस ओपीजेआईटी की छात्रा की मौत के मामले को आत्महत्या या हत्या दोनों के बीच अटक गई है। घटनास्थल के आधार पर युवती की अधजली लाश मिली थी। वहीं पीएम रिपोर्ट में उसके मौत की पुष्टि दम घुटने से हुई है। लोगों का यह मानना है कि श्वेता की हत्या की गई है। लेकिन पुलिस का संदेह आत्महत्या को लेकर है। हालांकि जब श्वेता घर से निकली थी तब उसने चाकू लिया था। उससे लगता है कि उसे अपने हत्या किए जाने का भय रहा होगा। इसके अलावा उसने यदि खुद को जलाकर मार डाला तो 20 प्रतिशत जलने के बाद उसकी मौत कैसे हो गई। हालांकि उसकी मौत दम घुटने से होना बताया है। ऐसे में यह तय है कि इस मामले में आत्महत्या का तर्क कमजोर पड़ेगा।
इस मामले में जांच की जा रही है, जरूरत पड़ने पर फिर से जांच की जा सकती है। यह मामला हमारे लिए भी चुनौती है।
पीके ठाकुर
एएसपी
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