आदिवासी जमीन वापसी में हो रही लीपापोती
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन का प्रदर्शन
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0 वनाधिकार कानून की अनदेखी पर गरजे प्रदर्शनकारी
0 फर्जी ग्रामसभा कर आदिवासियों की जमीन हथियाने वालों पर कार्रवाई की मांग
रायगढ़ (निप्र)। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पेसा कानून के खुले उल्लंघन को लेकर छत्तीसगढ़ बचाओ बैनर तले धरना प्रदर्शन किया गया। मौके पर पेसा कानून लागू होने के बावजूद कंपनी स्थापना स्वीकृति, कोल ब्लॉक आबंटन, किसानों की जमीन अधिग्रहण मामले में कानून को ताक पर रखकर ग्रामसभा को निष्प्रभावी बनाने की साजिश का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
मौके पर आदिवासियों की जमीन को ग्रामसभा को शिथिल कर वनाधिकार कानून के नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। जिससे बड़े पैमाने पर पीढ़ियों से काबिज वनभूमि पर जीवन यापन करने वालों का सहारा छिना रहा है। सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर वनभूमि का हस्तांतरण बदस्तूर जारी है। एक तरफ आदिवासियों की भूमि को गलत तरीके से गैर आदिवासियों द्वारा हड़प लिया गया। औद्योगिक घरानों द्वारा आदिवासियों की जमीन पर अपनी ताकत के बल पर चिमनी खड़ी कर दी है। मूल आदिवासियों की जमीन वापसी को लेकर कंपनियों के बेदखली करने के मामले में लीपापोती का आरोप लगाया गया। पर्यावरण नियमों की अनदेखी कर खदानों जो बस्तियों से सटे हुए है विस्फोटों से घरों को नुकसान हो रहा है खदानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थों से कृषि भूमि की उपजाउ क्षमता कमजोर होकर बंजर हो रही है। धरना प्रदर्शन के जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के कैलाश अग्रवाल व ट्रेड यूनियन के गणेश कछवाहा शासन की नीतियों पर जमकर बरसे और चिमनियों और खदानों से निकलने वाले धुंए को लेकर पर्यावरण विभाग को लापरवाह बताया। इस मामले को लेकर क्षेत्रीय पर्यावरण कार्यालय के निष्क्रिय व विफल होने की बात कही गई। इस दौरान धरना प्रदर्शन बड़ी संख्या में लोग पहुंच कर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
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