Tuesday, October 21, 2014

भू-अर्जन के बाद बिक गई जमीन

भू-अर्जन के बाद बिक गई जमीन

Sold land after land acquisition


Sold land after land acquisition
10/21/2014 12:46:02 AM








रायगढ़। जिले के भू-माफिया भू-अर्जन की कार्रवाई पूरी होने के बाद प्रभावित जमीनों को बेच रहे हैं। जलाशय प्रभावित ग्राम भोजपल्ली में एक ऎसा ही मामला सामने आया है। इसमें किसान ने भू-अर्जन की कार्रवाई के बाद मुआवजा का चेक प्राप्त कर लिया है। इसके बाद इसी जमीन को शहर के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दी गई है।
इसकी शिकायत कलक्टर मुकेश बंसल से भी की गई है। ग्रामीणों की शिकायत के अनुसार वर्ष 2004-05 में भोजपल्ली, महापल्ली सहित सात गांव में छोटे-छोटे जलाशय निर्माण की स्वीकृति हुई थी। स्वीकृति के बाद निर्माण के लिए प्रभावित क्षेत्रों का भू-अर्जन किया गया। ग्राम लोईग भोजपल्ली निवासी च्यवन प्रसाद, पद्मलोचन, सुरेश गुप्ता, पिता जगदीश उर्फ देवराज ने खसरा नंबर 62/6 में 0.725 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा राशि संबंधित विभाग से प्राप्त कर लिया।
इसके बाद इसमें जलाशय निर्माण का काम चालू हो गया। वर्ष 2013-14 अक्टूबर-नवंबर में उक्त खसरा नंबर 62/6 की जमीन बैकुण्ठपुर निवासी रवि कुमार पिता किशन सिंह को विक्रय कर दी गई। बताया जाता है कि प्रभावित क्षेत्रों में ऎसे कई मामलें हैं। जिसमें जमीन मालिकों व भू-माफियाओं ने मिलकर अधिग्रहित जमीन को फिर से दोबारा विक्रय कर दिया है।
यहां भी आशंका
ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में एनटीपीसी रेल लाइन के प्रभावित ग्रामों में भी इस प्रकार के घटना होने की बात कही है। कलक्टर को बताया गया है कि भू—माफिया अभी भी सक्रिय है और रेल लाइन के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण में इस प्रकार की घटना केा अंजाम दे रहे हैं। ऎसे में रजीस्ट्री कार्यालय भी सवाल उठ रहा है। जहंा आंखमूंद कर इस कार्य को अंजाम दिया गया। वहीं ग्रामीण इसके जांच की मांग कर रहे हैं।

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