अंधाधूंध हो रहा खनन
Mining is Andhadhund
10/13/2014 1:18:15 AM
रायगढ़। तमनार क्षेत्र में इन दिनों डंपरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। इस बात की शिकायत खुद ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां के खदानों में चलने वाले वाहनों की संख्या लगभग डेढ़ से दो हजार बढ़ गई है। ग्रामीण इस बात के लिए कोई प्रमाणिक आकंड़ा तो नहीं दे रहे हैं लेकिन वह यह जरूर कह रहे हैं कि पहले सड़क पर जितने डंपर चलते थे उससे दो से तीन गुना डंपरों की संख्या इन दिनों सड़क पर दिख रही है। तमनार के कृष्णा साव ने कहा कि यहां की सड़कों पर डंपरों की भीड़ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देखी जा रही है। ऎसे में कोर्ट ने मार्च तक खनन करने और उसके बाद हैंडओवर करने का आदेश दिया है।
इन हालात में खनन कंपनियों की ओर से अंधाधूंध खनन किया जा रहा है। इसका प्रमाण यह है कि सड़क पर डंपरों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। हलंाकि ग्रामीणों की ओर से ज्यादा खनन करने का आरोप सही भी हो सकता है। क्योंकि इसी तमनार क्षेत्र में निको जायसवाल को कोडकेल, बनखेता, बांजीखोज, बालजोर और डोंगामौहा में खदान आबंटित की गई है। इसके लिए 884.846 हेक्टयेर रकबा स्वीकृत है। इन हालात में कंपनी को 0.48 मिलियन टन की खनन की अनुमति थी। लेकिन कंपनी ने 0.5 मिलियन टन का खनन कर लिया था। यह बात कंपनी के ही मंथली रिपोर्ट के आने के बाद खुलासा हुआ था। खनीज विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए प्रकरण बनाया था।
बंद है कांटा
इस मामले में सबसे खास बात यह है कि इस इलाके में खनन की जांच करने के लिए हुंकराडीपा चौक पर विभाग ने कांटा लगवाया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह कांटा काफी दिनों से खराब पड़ा है। जबकि कोयले का खनन और परिवहन लगातार जारी है। ऎसे में किस ट्रक में कितना कोयला लोड है इसकी जानकारी खुद खनिज विभाग को भी नहीं है।
विभाग को पता नहीं
पूरे जिले में सबसे हैरान करने वाली बात है कि खनिज विभाग को इस बात की ईमानदारी से जानकारी नहीं है कि जिले के खदानों में कितना खनन हो रहा है। वर्तमान में जो प्रक्रिया है उसके अनुसार कंपनियों की ओर से जो आंकड़े विभाग को दिए जाते हैं विभाग आंख मूंदकर उसे मान लेता है।
जांच की मांग
इस मामले में तमनार के कृष्णा साव, गोपाल गुप्ता, गणपत साव, राजा गुप्ता,ओंकार सिदार ने बताया कि कंपनियों की ओर से अंधाधूंध खनन किया जा रहा है। ऎसे में कितना कोयला निकाला जा रहा है इस बात की जांच होनी चाहिए।
जाहिर सी बात है कंपनियां ज्यादा कोयला निकालेंगीं, विभाग के पास तो कोई साधन ही नहीं है जिससे उनके उत्पादन की जांच हो सके।आवंटन की बजाए उत्पादन में बड़ा घोटाला होगा। रमेश अग्रवाल, ग्रीन मैन
इन हालात में खनन कंपनियों की ओर से अंधाधूंध खनन किया जा रहा है। इसका प्रमाण यह है कि सड़क पर डंपरों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। हलंाकि ग्रामीणों की ओर से ज्यादा खनन करने का आरोप सही भी हो सकता है। क्योंकि इसी तमनार क्षेत्र में निको जायसवाल को कोडकेल, बनखेता, बांजीखोज, बालजोर और डोंगामौहा में खदान आबंटित की गई है। इसके लिए 884.846 हेक्टयेर रकबा स्वीकृत है। इन हालात में कंपनी को 0.48 मिलियन टन की खनन की अनुमति थी। लेकिन कंपनी ने 0.5 मिलियन टन का खनन कर लिया था। यह बात कंपनी के ही मंथली रिपोर्ट के आने के बाद खुलासा हुआ था। खनीज विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए प्रकरण बनाया था।
बंद है कांटा
इस मामले में सबसे खास बात यह है कि इस इलाके में खनन की जांच करने के लिए हुंकराडीपा चौक पर विभाग ने कांटा लगवाया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह कांटा काफी दिनों से खराब पड़ा है। जबकि कोयले का खनन और परिवहन लगातार जारी है। ऎसे में किस ट्रक में कितना कोयला लोड है इसकी जानकारी खुद खनिज विभाग को भी नहीं है।
विभाग को पता नहीं
पूरे जिले में सबसे हैरान करने वाली बात है कि खनिज विभाग को इस बात की ईमानदारी से जानकारी नहीं है कि जिले के खदानों में कितना खनन हो रहा है। वर्तमान में जो प्रक्रिया है उसके अनुसार कंपनियों की ओर से जो आंकड़े विभाग को दिए जाते हैं विभाग आंख मूंदकर उसे मान लेता है।
जांच की मांग
इस मामले में तमनार के कृष्णा साव, गोपाल गुप्ता, गणपत साव, राजा गुप्ता,ओंकार सिदार ने बताया कि कंपनियों की ओर से अंधाधूंध खनन किया जा रहा है। ऎसे में कितना कोयला निकाला जा रहा है इस बात की जांच होनी चाहिए।
जाहिर सी बात है कंपनियां ज्यादा कोयला निकालेंगीं, विभाग के पास तो कोई साधन ही नहीं है जिससे उनके उत्पादन की जांच हो सके।आवंटन की बजाए उत्पादन में बड़ा घोटाला होगा। रमेश अग्रवाल, ग्रीन मैन
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