'इस' क्षेत्र में कोल ब्लाक की नीलामी ना हो
रायपुर
पर्यावरण के क्षेत्र मेंं कार्य करने वाली संस्थाओं ने भारत सरकार से जंगल क्षेत्र के भीतर कोल ब्लाक की नीलामी करने से बचने और एक स्वतंत्र समिति का गठन करने की मांग की है।
क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर और छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष की समस्या को लेकर अध्ययन करने वाले नंदीकेश शिवलिंगम ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बीते माह उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए 214 कोल ब्लॉक के आवंटन को अवैध घोषित कर दिया।
इस फैसले से भारतीय जंगलों को बचाने का प्रयास कर रहे कार्यकर्ताओं में खुशी है। शिवलिंगम ने कहा कि इससे सरकार को गलत को सही करने का एक और अवसर मिला है। अब पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग केन्द्र और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि जंगल क्षेत्र के भीतर नीलामी से बचें।
इसी के साथ माग रखी गई है एक स्वतंत्र समिति का गठन करें जो राज्य में हाथियों की गतिविधियों का अध्ययन करके उनके प्रवासी मार्ग और मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन के लिये आवश्यक सुझााव दें।
पर्यावरण के क्षेत्र मेंं कार्य करने वाली संस्थाओं ने भारत सरकार से जंगल क्षेत्र के भीतर कोल ब्लाक की नीलामी करने से बचने और एक स्वतंत्र समिति का गठन करने की मांग की है।
क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर और छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष की समस्या को लेकर अध्ययन करने वाले नंदीकेश शिवलिंगम ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बीते माह उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए 214 कोल ब्लॉक के आवंटन को अवैध घोषित कर दिया।
इस फैसले से भारतीय जंगलों को बचाने का प्रयास कर रहे कार्यकर्ताओं में खुशी है। शिवलिंगम ने कहा कि इससे सरकार को गलत को सही करने का एक और अवसर मिला है। अब पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग केन्द्र और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि जंगल क्षेत्र के भीतर नीलामी से बचें।
इसी के साथ माग रखी गई है एक स्वतंत्र समिति का गठन करें जो राज्य में हाथियों की गतिविधियों का अध्ययन करके उनके प्रवासी मार्ग और मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन के लिये आवश्यक सुझााव दें।
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