Monday, August 4, 2014

रंजीत वर्मा की ये कविता बहुत पढ़ी गई ,सोचा आपको भी पढ़ा दूं , इतिहास का पुनलेखन

रंजीत वर्मा की ये कविता बहुत पढ़ी गई ,सोचा आपको भी पढ़ा दूं ,

इतिहास का पुनलेखन

नया इतिहास लिख्ने जाने  की 
तैयारी की जा चुकी हैं,
जल्द ही इसे हमारे जीवन के 
पाठ्यक्रम मे 
लगा दिया जाने वाला हैं .
स्कूल कालेजो मे तो लगेंगे ही क्या ,
हमे भी ये मानने को तैयार हो जाना चाहिये ,
की पहली आज़ादी सिर्फ ,सत्ता परिवर्तन थी ,
गोरे अंग्रेजो और काले अंग्रेजो के बीच ,
असल आज़ादी तो ये दूसरी आज़ादी हैं,
जिसे पाने की जंग उन्होने 
गाँधी की हत्या से शुरू की थी ,
वे फिर बतायेंगे की कैसे हमने 
दूसरी आज़ादी पाने के लिये शहादतें दी ,
16 मई को ,इस दूसरी आज़ादी का 
स्वतंत्रता दिवस घोषित किया जायेगा .
और ६ दिसंबर ,राष्ट्रीय अवकाश दिया जायेगा ,
प्रेस पे पहरा बैठा दिया जायेगा ,
और 
नफरत होगी ,एकतरफा मुसलमानो ,दलितो 
आदिवासियो ,और कम्युनिस्टो को 
बदलने मे नफरत करने का 
कोई हक़ नहीं होगा, 
  • [ रंजीत वर्मा ]

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