पुलिस ही नये नक्सलवादी बनाने की ‘‘नर्सरी’’ बन गयी है:
अजीत जोगी
*****
रायपुर। दिनांक 04 अक्टूबर 2016। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी ने कहा है कि जिस प्रकार से बस्तर में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मारा जा रहा है, उससे नक्सलवाद समाप्त होने के स्थान पर बढ़ता ही जायेगा। जिस परिवार का निर्दोष आदिवासी फर्जी मुठभेड़ में मारा जाता है, उस परिवार के अन्य लोग जैसे भाई, पिता, चाचा, मामा, भतीजा इत्यादि में से कोई न कोई रूष्ट होकर उस निर्दोष आदिवासी की हत्या का बदला लेने के लिये उसकी माओवाद की तरफ स्वभाविक रूप से जुड़ने की संभावना होती है।
इसी प्रकार जो बड़ी संख्या में तथाकथित नक्सलियों का समर्पण कराया जा रहा है उसमें भी अधिकांश ऐसे लोग होते है जिनका नक्सलियों या नक्सलवाद से कोई संबंध नहीं होता। केवल संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताने और श्रेय लेने के लिये ऐसे निर्दोष लोगों से भी समर्पण का नाटक रचा जाता है। बाद में जब ऐसे निर्दोष आदिवासी अपने गांव वापस जाते हैं तो उन्हें नक्सलियों के क्रोध का सामना करना पड़ता है और यह जवाब देना पड़ता है कि नक्सली नहीं होते हुये भी उन्होंने क्यों समर्पण किया। मेरी जानकारी के अनुसार ऐसे कुछ लोगों और उनके रिश्तेदारों को नक्सलियों की हिंसा का शिकार भी होना पड़ा है। इस प्रकार निर्दोष आदिवासियों को बेवजह नक्सली बनाकर समर्पण कराने से भी बाद में उनके एवं उनके परिवार के लोगों को नक्सलवाद की तरफ झुकना आवश्यक हो जाता है।
हाल ही में जब हमारी पार्टी की कमेटी ने बस्तानार कोडानार थाना क्षेत्र के ग्राम बुरधुम में निर्दोष ग्रामीणों सामड़ू और सुकालू की पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक हत्या करने की पुष्टि की थी। इस प्रकरण में बारसूर निवासी सुकालूराम अपनी बुआ के घर ग्राम सेवगल, बुरधुम थाना कोडानार बस्तानार में शोक समाचार देने गया था। सुबह 4 बजे सर्चिंग के दौरान पुलिस सोमड़ू के घर पहुंची जो सुकालूराम के बुआ का लड़का है। बिना उचित जांच पड़ताल किये ही पुलिस ने सोमड़ू और सुकालू दोनों को घर के बाहर घसीटकर मार डाला। श्री जोगी ने प्रश्न किया है क्या सोमड़ू और सुकालू के परिवार के लोग पुलिस या प्रशासन से कभी भी कोई सहानुभूति रखेंगे? उल्टा वे नक्सलवाद की ओर बढ़ने के लिये प्रेरित होंगे।
श्री जोगी ने मांग की है कि ऐसे निर्दोष लोगों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या किया जाना बंद हो। निर्दोष लोगों को जानबूझकर समर्पण कराना भी बंद हो। ऐसा न करने पर नक्सली कम नहीं होकर बढ़ते ही जायेंगे।
श्री जोगी ने यह भी कहा है कि वर्तमान में बस्तर में कार्यरत पुलिस बल प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामान्यतया प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। साथ ही अगर इतना अच्छा काम करने के बाद अपवादस्वरूप उपरोक्तानुसार हत्यायें और समर्पण करायें जायेगंे तो माओवाद पर नियंत्रण करना कभी संभव नहीं होगा।
अजीत जोगी
अध्यक्ष
No comments:
Post a Comment