Friday, March 20, 2015

हवा में रहेगी मेरे खयालो की बिजली -नन्द कश्यप


 हवा में रहेगी मेरे खयालो की बिजली

 नन्द कश्यप 

जो आदमी प्रगति के लिये संघर्ष करता है, उसे पुराने विश्वासो की एक एक बात की आलोचना करनी होगी,उस पर अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी,इस प्रचलित विश्वास के एक एक कोने में झांककर उसे विवेकपूर्वक समझना होगा।निरा विश्वास और अंधविश्वास खतरनाक है,इससे मस्तिष्क कुंठित होता है और आदमी प्रतिक्रियावादी हो जाता है।
मैं जानता हू कि ईश्वर मे, कमजोर आदमी को जबर्दस्त आश्वासन और सहारा मिलता है और विश्वास उसकी कठिनाइयो को आसान ही नही बल्कि सुखकर भी बना देता है, परंतू आंधी और तूफान मे अपने पैरो पर खडे रहना कोई बच्चो का खेल नही है, लेकिन इसके लिये किसी बनावटी अंग की ज़रूरत भी नही है।जो आदमी अपने पैरो पर खडे रहने की कोशिश करता है और यथार्थवादी हो जाता है उसे धार्मिक विश्वास को एक तरफ रखकर, जिन जिन मुसीबतो और दुखो में परिस्थितियो ने डाल दिया है उनका एक मर्द् की तरह बहादुरी से सामना करना होगा। 
भगत सिह (जेल नोट्बुक से)
देश भक्ति के लिये ये सर्वोच्च पुरस्कार है,और मुझे गर्व है कि मै यह पुरस्कार पाने जा रहा हू।वे सोचते है कि मेरे पार्थिव शरीर नष्ट करके वे इस देश मे सुरक्षित रह जायेंगे,यह उनकी भूल है,वे मुझे मार सकते है मेरे विचारो को नही मार सकते,ब्रिटिश हुकूमत के सिर मेरे विचार उस समय तक एक अभिशाप की तरह मंडराते रहेंगे जब तक वे यहा से भागने के लिये मज़बूर न हो जाये,परंतू यह तस्वीर का एक पहलू है,दूसरा पहलू भी उतना ही उज्ज्वल है।ब्रिटिश हुकूमत के लिये मरा हुआ भगतसिह जीवित भगतसिह से ज्यादा खतरनाक होगा.मुझे फांसी हो जाने के बाद मेरे क्रांतिकारी विचारो की सुगंध हमारे मनोहर देश के वातावरण मे व्याप्त हो जायेगी.वह नौजवानो को मदहोश करेगी और वे आज़ादी और क्रांति के लिये पागल हो उठेंगे.नौजवानो का यह पागलपन ही ब्रिटिश साम्राज्यवादियो को विनाश के कगार पर पहुंचा देगा मै उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ जब मुझे देश के लिये मेरी सेवाओ और जनता के लिये मेरे प्रेम का सर्वोच्च पुरस्कार मिलेगा। 
भगतसिह 
( जुलाई 1930 का आखिरी रविवार, बोर्सटल जेल मे अपने
साथियो से मुकदमे के फैसले पर बात करते हुए ) 
आमंत्रण
साथियो,
23 मार्च 2015 को भगत सिह,राजगुरु और सुखदेव की शहादत के 85वर्ष हो जायेंगे,आज एक बार फिर से सारी दुनिया मे विषमता चरम पर है,इस देश को लाखो कुरबानियो ने आज़ादी दिलाई परंतु आज जब देश की बहुसंख्य जनता पूंजीवादी साम्राज्यवादी शिकंजे मे जकडी विकल्पो की तलाश मे है ठीक उसी समय झूठे वादो के साथ ऐसी शक्तिया सत्ता तक पहुंचने मे सफल हो गई हैं जो खुलकर साम्राज्यवादी लूट की पैरोकारी कर रही हैं और अभिव्यक्ति की आज़ादी, कानून के शासन, समाजिक न्याय, स्त्री समानता आदि पर आस्था और परम्पराओ के नाम पर हमले कर रहे हैं ,यहा तक कि बलात्कार जैसे अपराध मे पीडिता को ही इन्ही परम्पराओ के नाम कटघरे मे खडा किया जा रहा है. 
ऐसे समय मे हमारे लिये अपने इतिहास,वैज्ञानिक चेतना,और धर्म की परम्पराओ की पड्ताल करना ज़रूरी हो जाता है 
इसी कडी मे विभिन्न जनवादी संगठनो की ओर से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसका विषय है 
इतिहास विज्ञान और धर्म 
संदर्भ भगत सिह 
मुख्य वक्ता 
प्रोफेसर रवि श्रीवास्तव,जयपुर 
अध्यक्षता :‌‌देवांशु पाल (सम्पादक, पाठ, बिलासपुर)
कर्यक्रम :- शाम 4.30 बजे से 
स्थान :- उद्योग भवन CMD college चौराहा बिलासपुर 
आप सादर आमंत्रित हैं 

विनीत
शाकिर अली सन्योजक जनवादी लेखक संघ 
सुखऊ निषाद, राकेश चौहान, विश्राम् वस्त्रकार, किसान सभा, रवि श्रीवास जनवादी नवजवान सभा, त्रिप्ति चौहान, SFI, विक्रांत शर्मा, पोखन वर्मा, बद्री सिह AIYF,विनय शर्मा, धीरज शर्मा AISF, नंद कश्यप, कपूर वासनिक सम्यक विचार मंच 
सम्पर्क 9425596607,8458887358 

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