Sunday, March 15, 2015

भू मि अधिग्रहण अध्यादेश की वापसी से कुछ कम स्वीकार नहीं ,20 हजार आदिवासी और किसानो ने कांसाबेल [जशपुर ] में किया विरोध प्रदर्शन और सभा



भू मि अधिग्रहण अध्यादेश की वापसी से  कुछ कम स्वीकार  नहीं ,20 हजार आदिवासी और किसानो ने कांसाबेल [जशपुर ] में किया विरोध प्रदर्शन और सभा 







आज 15 मार्च को जशपुर के कांसाबेल में किसान आदिवासियों ने लगभग 20 हजार की संख्या में विशाल प्रदर्शन किया और सभा की ,रैली जशपुर रोड नीलगिरि तालाब से प्रारम्भ होके आम बगीचा ,राजीव नगर ,बगीचा रोड के पास जान सभा में तब्दील हुई , जन सैलाव भूमि अधिग्रहण अध्यादेश रद्द करो ,खनिज की लूट के लिए विस्थापन बंद करो ,विकास के नाम पे विनाश बंद करो ,न लोकसभा न विधान सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा ,वनअधिकार  कानून लागु करो ,भूमि अधिग्रहण कानून  2013 लागू  करो ,देश में कंपनी राज बंद करो ,लोकतांत्रित राज में तानाशाही नहीं चलेगी ,आदिवासियों की जनसँख्या में हेराफेरी बंद करो ,आदि नरो के साथ प्रदर्शन करी सभा  स्थल पे पहुंचे ,

पिछले 8  दिनों से ऐसे ही प्रदर्शनयर सभाए जशपुर के सभी विकासखण्ड में हो रही है ,आज इसका समापन समारोह भी था , सभा  को सुधा भरद्वाज ,आलोक शुक्ल ,सी आर बक्शी ,सी एल पटेल ,जे आर निकुंज ,हंसराज अग्रवाल ,कृपा शंकर भगत ,सहदेव निकुंज ,नेहरू लकड़ा ,नेस्तोर  कुजूर ,जी एस मुंगेल ,मिनिका ललिता कोरबा ,नरवर यादव ,रेमी तिर्की आदि ने सम्बोधित किया ,
अपने सम्बोधन में सरकार की किसान विरोधी और कंपनी हितेषी नीति का विरोध किया गया और कहा की ,ये अध्यादेश कार्पोरेट के हित  में लाया गया हैं ,जो पिछले दरवाजे से जमींन  हड़पने के लिए सारी  नीतिया बनाई जा रही हैं। यह अध्यादेश किसानो के बुरे दिन और कंपनी के लिए  अच्छे  दिन के लिए हैं। इसके द्वारा देश में कमपनी के राज को द्वारा लाने  की कोशिश हैं। उद्योगपतियों और कारपोरेट के लाभ के लिए देश के किसानो और आदिवासियों का गला  घोंटा जा रहा हैं। लोगो के जीवन के जीने के मुलभुत अधिकार के खिलाफ जल जंगल जमींन  और संसाधनो को उद्योगपतियों के लिए क़ानूनी रूप दिया जा रहा हैं ,

जशपुर और आसपास के लोग हाथी ,नक्सल और मानव तस्करी के साथ साम्प्रदायिक उन्माद से कठिनाई में हैं ,हम लोग विकास विरोधी नहीं है बल्कि विस्थापन  सहित विकास के विरोधी है ,कृषि उपज ,लघु उद्योग और रोजगार मुखी विकास के समर्थक हैं ,ताकि उनका विस्थापन न हो , आत्मविकास  का अवसर सृजित हो ,हम चाहते है की सरकार उनके विकास में सहयोगी  बने  ,न की हमारे विनाश के लिये  काम करे ,सभा में उपस्थित आदिवासियों ने एक स्वर में भूमि अध्यादेश वापस लेने की मांग की ,सभी राजनैतिक दलों  से अपील की की वो इसको किसी भी तरह राज्यसभा में पास न होने दें।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने अध्यादेश के खिलाफ पुरे प्रदेश में सुनियोजित तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की हैं मंच सञ्चालन अनिमानन्द  एक्का,हर्ष कुजूर ,मालती  तिर्की ने किया और स्वागत भाषण जुनिस तिर्की और धन्यवाद ज्ञापन क्लेमेंट लकड़ा द्वारा किया गया।
सभा के अंत में इस अध्यादेश की रद्द करने ,पांचवी अनुसूची के लागु करने और पेसा ,वनअधिका कानून को नियमानुसार लागु करने के लिया राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया ,

[याकूब कुजूर ]

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