Thursday, March 19, 2015

मोदी के खिलाफ जंतरमंतर पे 80 सामाजिक संघटन


मोदी के खिलाफ जंतरमंतर पे 80  सामाजिक  संघटन 
गुरुवार को 80 सामाजिक संगठनों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के 300 दिनों का 'रिपोर्ट कार्ड' पेश किया.
इनमें मज़दूरों, महिलाओं, छात्रों, अल्पसंख्यकों, लेखकों, दलितों इत्यादित से जुड़े कई प्रमुख संगठनों के साथ-साथ कई एनजीओ भी शामिल थे.
इन संगठनों ने सरकार पर अल्पसंख्यक और महिला विरोधी होने के साथ ही अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया.
कार्यक्रम के आयोजकों में से एक सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने बीबीसी से कहा, ''हमारे जैसे लोगों पर भी बहुत हमला है, लेकिन, ये तय है कि हम एक-एक इंच की लड़ाई लड़ेंगे. जो सेकुलर और डेमोक्रेटिक आइडिया की लड़ाई है, वो हम लड़ेंगे.''

राजनीतिक दलों की शिरकत

नरेंद्र मोदी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
सामाजिक संगठनों के इस कार्यक्रम में कांग्रेस, सीपीएम समेत कई दलों के नेताओं ने भी शिरकत की.
कार्यक्रम में शामिल कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने कहा, ''बीजेपी ने नारा दिया था, सबका साथ सबका विकास. सबका साथ तो ले लिया, लेकिन, विकास सिर्फ प्रधानमंत्री और बीजेपी का हो रहा है. लोग इसे महसूस कर रहे हैं. तीन सौ दिनों में ही इनका पर्दाफ़ाश हो चुका है.''
सीपीएम नेता वृंदा करात ने महिलाओं के अधिकारों के हनन का मुद्दा उठाते हुए कहा, ''एक औरत होने के नाते ये मेरा अधिकार है कि मैं किसके साथ रिश्ता रखना चाहती हूं, मैं किसके साथ शादी करना चाहती हूं. मैं कितने बच्चे पैदा करना चाहती हूं.''

सांप्रदायिकता का एजेंडा

अहमद पटेल
राष्ट्रीय जनता दल के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए सांप्रदायिकता के एजेंडे पर चल रही है.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीबीसी से कहा, ''किसान मजदूर और आमजन को जो उन्होंने वचन दिया, वो नहीं पूरा हो रहा है, उससे बचने के लिए जनता को बरगलाने के लिए कम्यूनल एजेंडा लागू कर रहे हैं. अपनी विफलता छुपाने की कोशिश कर रहे हैं.''
सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भी वृंदा करात ने भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र के नाम पर अल्पसंख्यकों पर हमला किया जा रहा है.
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