Tuesday, August 4, 2015

क, ख, ग भी नहीं पढ़ पाए प्रदेश के पांच लाख नौनिहाल chhattisgarh

क, ख, ग भी नहीं पढ़ पाए प्रदेश के पांच लाख नौनिहाल







Posted:IST   Updated:ISTRaipur : five lakh children are Unable to read of A, b, c
प्रदेश के पांच लाख से अधिक बच्चे पढ़-लिख नहीं पाए। इनकी ��"पचारिक शिक्षा की सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है
रायपुर. प्रदेश के पांच लाख से अधिक बच्चे पढ़-लिख नहीं पाए। इनकी औपचारिक शिक्षा की सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है। यह चिंताजनक हकीकत जनगणना निदेशालय के हालिया जारी आंकड़ों से सामने आई है। सात वर्ष से अधिक उम्र की जनसंख्या का शैक्षणिक स्तर नाम से जारी आंकड़ों में साफ कर दिया है कि प्रदेश में 7 से 14 वर्ष तक के 45 लाख 21 हजार847 बच्चों में से 4 लाख 85601 बिल्कुल निरक्षर हैं। इनमें अधिक संख्या लड़कियों की है। इस उम्र की 2 लाख 56079 लड़कियां पढ़ाई-लिखाई शुरू नहीं कर पाई हैं। यह आंकड़े इसलिए भी चिंताजनक हैं कि सरकार 99 प्रतिशत नामांकन का दावा कर रही है, जबकि इन बच्चों ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा है।
केवल 29 हजार साक्षर
रिपोर्ट के मुताबिक, इस आयुवर्ग के 29455 बच्चे केवल साक्षर हैं। मतलब वे केवल अक्षर पहचान पाते हैं अथवा अपना नाम लिख सकते हैं। उनकी औपचारिक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। केवल साक्षरों की सबसे अधिक 4 हजार 275 की संख्या सात वर्ष उम्र वालों की है। उसके बाद 14 साल की उम्र वाले बच्चों की संख्या (3599) ज्यादा है।
23 लाख प्राइमरी से नीचे
कुल 22 लाख 98032 बच्चों का शैक्षणिक स्तर पांचवी से नीचे का है। इनमें से सबसे अधिक (489678) आठ साल की उम्र वालों का है। इसके बाद 10 साल की उम्र वाले बच्चे हैं जिनकी संख्या 4 लाख 81 हजार 178 है। चिंताजनक यह भी कि 14 वर्ष के 35 हजार 589 बच्चे पांचवी पास नहीं कर पाए हैं। 13 वर्ष तक के एेसे बच्चों की संख्या 52 हजार 977 है।
शिक्षा को बनाना होगा मुद्दा
भेदभाव की खाई को पाटे बिना सभी तक शिक्षा नहीं मुहैया कराना असंभव है। सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए उसे भोजन के अधिकार की तरह मुद्दा बनाना होगा। यह एक चुनौती है, जिसे सरकार, समाज और शिक्षकों को स्वीकार करना ही होगा।
गौतम बंद्योपाध्याय, संयोजक, शिक्षा का अधिकार फोर 

No comments:

Post a Comment