Monday, August 31, 2015

वे बर्बर है इसलिए नफरत है उन्हें .

वे बर्बर है इसलिए नफरत है उन्हें .



वे नफ़रत करते हैं
क्योकि उनका पूरा जीवन नफरत में पला बढ़ा और परवान चढ़ा है .

वे नफरत करते है , औरंगजेब से
बाबर ,अकबर और शाहजहाँ से 
वे पुरी मुसलिम कौम से नफ़रत करते है.

उन्हें नफरत है मदर टेरेसा से ,
चर्चो से , उनके स्कुलोअस्पतालों से नफरत है उन्हें पुरे इसाईयो से .

उन्हें नफरत है महिलाओ के अधिकारों से 
उनके घुमने फिरने पहनने बोलंने और प्रतिरोध करने की बढती ताकत से ,
उन्हें नफरत है पूरी स्त्री जाति से .

उन्हे नफ़रत है हजारो साल शुद्रो से , जो अब दलित कहे जाते है ,
उन्हें नफरत है दलितों की बढती सम्पन्नता से 
उनकी शिक्षा , बराबरी , आरक्षणहक और 
आँखों में आंख डाल के बात करने की संभावना से 
उन्हें पूरी दलित कमुनिटी से नफरत हैं .

वे नफरत करते है आदिवासियों से
उन्हें जंगली वनवासी कहते और समझते है
उन्हें उनकी सभ्यता से नफरत है ,नफरत है उनके रहन सहन और संस्कृति से ,
उनके अधिकारों से , उनके तन के खड़े होने और लड़ने से वे नफरत करते है.
उनकी जमींन ,संसाधन , यहाँ तक की उनके घर गाँव और उनकी स्त्रिया भी काबिज करना चाहते हैं 

उन्हें नफरत है गाँधी से, नेहरु से ,इंदिरा से और आज़ादी की आन्दोलन में हर उससे जो हिन्दू मुस्लिम एकता की बात करता था.
अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई से भी वे  नफ़रत करते थे
उनके सिरमौर ने एक बार अपनी किताब में लिखा था की हम बड़ी मुश्किल 
की चीज है। से हिन्दू नौजवानों को रोक पाए थे
क्यों की वो भगत सिंह की तरफ खिंचे चले जा रहे थे.

और हाँ ,
वे विज्ञान  से भी नफ़रत करते है ,उनके लिए इतिहास , संस्कृति , किताबें ,पुस्तकालय और प्रयोगशालायें  तिरस्कार 
की चीज़  हैं.

और इसलिये .......
वे गाहे बगाहे 
हाशिमपुरा ,गुजरात , अयोध्या
बाथे , खैरलांजी ,
बस्तर ,सुकमा , या देहली 
और , और

निर्भया, सोनी सोरी और  दाभोलकर ,पानसरे और अब कलिमुर्जी  
को सबक सीखते रहते हैं.

और 
इनके हथियार !
ये सेना वो सेना
रणवीर सेना , धर्म सेना , फ़ोर्स और कभी कभी  देश की नियमित सेना भी हैं.
रावण की तरह हजारो है इनके मुँह 

इन्हे ललकारने और मारने के अलावा और कुछ विकल्प है आपके पास ?
नहीं मेरे पास तो कुछ नहीं हैं. 




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