Monday, August 10, 2015

छत्तीसगढ़ शाशन द्वारा वनाधिकार कानून की समाप्ति के लिए जारी किये नए आदेश ,जनसंघटन और राजनैतिक दलों ने किया विरोध


छत्तीसगढ़ शाशन द्वारा वनाधिकार कानून की समाप्ति के लिए जारी किये नए आदेश ,जनसंघटन और राजनैतिक दलों  ने किया विरोध 




छत्तीसगढ़  सरकार ने वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के क्रियान्वयन के संवंध में दिशा निर्देश जारी किये हे l इन दिशा 
निर्देश में दावा फार्म जमा करने से लेकर वन अधिकार पत्रक के वितरण के लिए अक्टूबर तक प्रक्रिया को  समयबद्ध किया हे l यह आदेश वन अधिकार कानून के विपरीत हे क्यूंकि क्रियान्वयन एक सतत प्रक्रिया हे और प्रदेश में अभी भी लाखो लोग अपने  वनाधिकारो से वंचित हे  l इस संवंध में स्वयं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाती  विभाग के दुवारा 16 अगस्त २०१२ को दिशा निर्देश जारी कर ये कहा गया था की क्रियान्वयन की प्रक्रिया सतत हेl आदेश की प्रति संग्लन हे l 
वर्तमान में समयबद्ध प्रक्रिया के लिए जारी दिशा निर्देश में शासन ने गाँव से व्यक्तिगत और सामुदायिक दावा शेष नहीं होने का प्रमाण पत्र माँगा गया हे जो बहुत ही आपतिजनक हे l प्रमाण पत्र मांगने के पीछे प्रमुख कारण हे की केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के 30 जुलाई  २००९ के आदेश के अनुशार किसी भी वन भूमि का डाईवर्सन नहीं हो सकता जब तक मान्यता की प्रक्रिया की समाप्ति नहीं हो जाती (ये वही आदेश हे जिसको वापस करवाने के लिए पीएमओ पूरी कोशिश कर रहा हे ) l इसी आदेश के कारण प्रमाण पत्र माँगा जा रहा हे ताकि वन भूमि के डाईवर्सन  की प्रक्रिया शुरू की जा सके l 
उपरोक्त संवंध में छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन को राज्य शासन के इस आदेश का विरोध तो करना ही चाहिए साथ  सभी घटक संगठन जो वन क्षेत्र में कार्य कर रहे हे वो गाँव के साथियों तक इस बात की जानकारी अवश्य पहुचाये की पंचायत या ग्रामसभा से अनापति प्रमाण पत्र जारी न करे l 

No comments:

Post a Comment