Wednesday, August 26, 2015

हिंदू-मुस्लिम आबादी की पेचीदगी को समझें

हिंदू-मुस्लिम आबादी की पेचीदगी को समझें

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भारत में पिछले 10 सालों में हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी बढ़ने की रफ़्तार में गिरावट आई है.
ऐसा भारत में जनसंख्या में बढ़ोतरी की दर में आई कमी की वजह से हुआ है.
हिंदू, मुस्लिम ही नहीं, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन, इन सभी समुदायों की जनसंख्या वृद्धि की दर में गिरावट आई है.
भारत में जनगणना हर दस साल में होती है. साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक़ हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 16.76 फ़ीसद रही जबकि 10 साल पहले हुई जनगणना में ये दर 19.92 फ़ीसद पाई गई थी.
यानी, देश की कुल आबादी में जुड़ने वाले हिंदुओं की तादाद में 3.16 प्रतिशत की कमी आई है.
मुसलमानों की जनसंख्या में बढ़ोतरी की बात की जाए तो उसमें ज़्यादा बड़ी गिरावट देखी गई है.
जनगणनाImage copyrightAFP
पिछली जनगणना के मुताबिक़ भारत में मुसलमानों की आबादी 29.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी जो अब गिरकर 24.6 फ़ीसद हो गई है.
ये कहा जा सकता है कि भारत में मुसलमानों की दर अब भी हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर से अधिक है, लेकिन यह भी सच है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ने की दर में हिंदुओं की तुलना में अधिक गिरावट आई है.
वहीं, ईसाइयों की जनसंख्या वृद्धि दर 15.5 फ़ीसद, सिखों की 8.4 फ़ीसद, बौद्धों की 6.1 फ़ीसद और जैनियों की 5.4 फ़ीसद है.

जनसंख्या की कहानी

भारत के लोगImage copyrightAFP
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक़ देश में हिंदुओं की आबादी 96.63 करोड़ है, जो कि कुल जनसंख्या का 79.8 फ़ीसद है. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.22 करोड़ है, जो कि जनसंख्या का 14.23 फ़ीसद होता है.
ईसाइयों की आबादी 2.78 करोड़ है, जो कि कुल जनसंख्या का 2.3 फ़ीसद और सिखों की आबादी 2.08 करोड़ (2.16 फ़ीसद) और बौद्धों की आबादी 0.84 करोड़ (0.7 फ़ीसद) है.
वहीं 29 लाख लोगों ने जनगणना में अपने धर्म का जिक्र नहीं किया.
पिछले एक दशक में जनसंख्या 17.7 फ़ीसद की दर से बढ़ी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ 2001 से 2011 के बीच मुसलमानों की आबादी 0.8 फ़ीसद बढ़ी हैं तो हिंदुओं की आबादी में 0.7 फ़ीसद की कमी दर्ज की गई.
साल 2001 में हुई जनगणना के मुताबिक़ भारत की कुल आबादी 102 करोड़ थी. इसमें हिंदुओं की जनसंख्या 82.75 करोड़ (80.45 फ़ीसद ) और मुसलमानों की आबादी 13.8 करोड़ (13.4 फ़ीसद) थी.

जातिगत आंकड़े अभी नहीं

जनगणनाImage copyright
फिलहाल सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
राजद, जदयू और डीएमके सरकार पर लगातार दबाब बना रहे हैं कि वो जातिगत जनगणना के आंकड़े भी सार्वजनिक करे.
जनसंख्या के सामाजिक आर्थिक स्तर आधारित आंकड़े इस साल तीन जुलाई को जारी किए गए थे.
आंकड़ों के मुताबिक़ 2011 में भारत की जनसंख्या 121.09 करोड़ थी.
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