Tuesday, August 25, 2015

मानव तस्करों की पुलिस से मिलीभगत ,कापू ठाणे की होगी सर्जरी पीयूसीएल छत्तीसगढ़ ने पुलिस डीजी को कहा कार्यवाही के लिए

मानव तस्करों  की पुलिस से मिलीभगत ,कापू ठाणे की होगी सर्जरी
पीयूसीएल छत्तीसगढ़ ने पुलिस डीजी  को कहा कार्यवाही के लिए












छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रो में मानवतस्करी  को  रोकने के लिए पीयूसीएल छत्तीसगढ़ का एक प्रतिनिधि मंडल आज पुलिस महानिरीक्षक और एडीजी  सीआईडी से मिला और कहा की मानव तस्करी को रोकने के लिए कापू थाने  में पदस्थ पुलिस कर्मियों का रवैया बेहद ख़राब हैं ,पुलिस ये माँनके  के चलती है की माँ  बाप खुद  अपने बच्चो को बेच देते हैं ,
यदि परिवार के लोग रिपोर्ट दर्ज करवाने जाये तो उन्हें हो  परेशान किया जाता है ,उनसे पैसे मांगे जाते हैं ,दलालो  से मिल के पुलिस बच्चो को गायब करने में मदद करती हैं ,जो कार्यकर्त्ता दलालो के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्त्ता या पत्रकार काम कर रहे है पुलिस उनको एजेंसी से मिल के  प्रताड़ित भी करती हैं।
पीयूसीएल ने अपनी जाँच रिपोर्ट भी डीजी को सौंपी और बीस  प्रकरण की सूचि  भी  जिसकी जाँच की मांग की है।
डीजी उपाध्याय ने एसपी रायगढ़ को फोन पे निर्देश दिया की वे तुरंत कापू  थाने और मिलीभगत करने वाले पुलिस कर्मियों को तुरंत बदलने को कहा ,उन्हें यह भी कहा की वे समाजिक कार्यकर्ताओ के साथ मिल के उस क्षेत्र में जनसुनवाई या कोई और अभियान चला के मानव तस्करी को रोकने की तुरंत कार्यवाही की जाये ,
मांग पात्र में मांग की गई की  परिवार  के लोगो की एफआईआर तुरंत दर्ज़ की जाये तथा उनके खिलाफ  एस सी ,एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया  जाये तथा पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाये ,इसके अलावा अभी  ऐसी धाराओ में मामले दर्ज किया जाते है ,जिसमे उनको आसानी के साथ तुरंत जमानत भी मिल जाती हैं।
अभी पुलिस सिर्फ गुमशुदा  के मामले दर्ज किया जाते है और बाद में गंभीरता के सार्थ  कोई कार्यवाही भी नहीं करती। यह भी कहा गया की पुलिस के  लोग दलालो दलालो  को उनके नाम भी बता देती है जो कार्यकर्त्ता या पत्रकार इसके खिलाफ काम कर रहे है ,जिसके कारन उनपे हमले भी हुए हैं। अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं ,

ज्ञापन में कहा की ये स्थिति पुरे छत्तीसगढ़ में बनी हुई है ,खास कर बस्तर ,सरगुजा ,जशपुर और रायगढ़ क्षेत्र में ,

प्रतिनिधि मंडल में डिग्री प्रसाद चौहान , जगदीश कुर्रे ,सेवती पन्ना ,याकूब कुजूर ,आलोक शुक्ल , रिन चिन ,सुधा भारद्वाज   और डा लाखन सिंह थे ,


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