Saturday, February 21, 2015

सरकार ने अर्ध सैनिक बल भेज कर आदिवासियों पर बर्बर हमला किया और महिलाओं , बच्चों और बूढों को पीटा .


सरकार ने अर्ध सैनिक बल भेज कर आदिवासियों पर बर्बर हमला किया और महिलाओं , बच्चों और बूढों को पीटा .
हिमांशु कुमार 
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार अमीर उद्योगपतियों से पैसा खाकर आदिवासियों की ज़मीने छीन कर उद्योगपतियों को सौंपने में लगी हुई है .
इस सब छीन झपट के खिलाफ़ आदिवासी आवाज़ ना उठा सकें इस लिए सरकार आदिवासियों को डराने के लिए आदिवासियों की पिटाई , मारपीट , बलात्कार ,फर्ज़ी मुकदमों में फंसाना आदि काम कर रही है .
छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सरकार ने पूरे गाँव को डराने के लिए निर्दोष आदिवासी हिडमा को पकड़ कर बुरी तरह पीटा जिससे हिडमा का हाथ टूट गया . बाद में पुलिस ने अपनी गलती छिपाने के लिए हिडमा को नक्सली कह कर जेल में बंद कर दिया .
दस हज़ार आदिवासी गाँव से निकल आये और उन्होंने तोंगपाल थाने को घेर लिया .
सरकार ने अर्ध सैनिक बल भेज कर आदिवासियों पर बर्बर हमला किया और महिलाओं , बच्चों और बूढों को पीटा .
तीन आदिवासियों को थाने के भीतर ले जाकर उनपर फर्ज़ी मुकदमा लगाया . इन तीन आदिवासियों को थाने के भीतर ले जाकर खुद थानेदार ने बर्बर तरीके से पीटा .
सोनी सोरी इन आदिवासियों के साथ रही . तीनों आदिवासियों को कल मुचलके पर रिहा कराया गया .
दस हज़ार आदिवासी सोनी सोरी के साथ तोंगपाल थाने के सामने बैठे हैं .
आदिवासियों की मांग है कि इन आदिवासियों की बर्बर पिटाई करने वाले थानेदार के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ हो , निर्दोष आदिवासियों को फर्ज़ी मामलों में फंसाना बंद किया जाय . निर्दोष आदिवासियों के खिलाफ़ फर्ज़ी मामले वापिस लिए जाएँ .
अगर आज रात तक सरकार ने एफ आई दर्ज़ नहीं करी तो कल सुबह से सोनी सोरी और अन्य आदिवासी उपवास शुरू करेंगे .

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