Sunday, February 22, 2015

दस हज़ार से ज़्यादा आदिवासी सुकमा ज़िले के तोंगपाल थाने के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं .


 दस हज़ार से ज़्यादा आदिवासी सुकमा ज़िले के तोंगपाल थाने के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं .

आदिवासियों पर छत्तीसगढ़ सरकार के दमन के विरोध में और क्रूरता के दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज़ करने की मांग को लेकर दस हज़ार से ज़्यादा आदिवासी सुकमा ज़िले के तोंगपाल थाने के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं .
आज आदिवासियों को धरने पर बैठे हुए पांच दिन हो जायेंगे . आदिवासियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सरकार ने दूसरे दिन ही बर्बर हमला भी किया था .
कल से सोनी सोरी और उनके साथ अनेकों आदिवासियों ने उपवास शुरू किया है .
सोनी ने उपवास कर रहे आदिवासियों को समझाने की कोशिश करी कि आप लोग उपवास ना करें मेरा उपवास पर्याप्त है .
लेकिन आदिवासी दृढ़ हैं . आदिवासियों का कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि आप भूखी रहें और हम खाना खाएं ?
सरकारी दमन का आदिवासियों के इस अनोखे प्रतिकार का अब छत्तीसगढ़ सरकार कैसे दमन करेगी अब सारी दुनिया देखेगी .
देखते हैं जीत किसकी होती है ? आदिवासियों की ज़मीने लूटने वाली लालची और क्रूर भाजपाई सरकार और उसकी बर्बर पुलिस की या भारत के आदिवासियों के शानदार प्रतिरोध की ?


[हिमांशु कुमार की पोस्ट से ]

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