एनटीपीसी मामले में तीसरी एफआईआर
3rd FIR loges in NTPC
11/14/2014 7:49:55 AM
रायगढ़। एनटीपीसी के फर्जी ऋण पुस्तिका मामले में पुसौर पुलिस ने गुरुवार को तीसरा अपराध दर्ज किया। जिसमें तहसीलदार संजय सोमावार व पटवारी केशव राठिया को आरोपी बनाया गया है।
इन्होंने दूसरे जिले के किसानों को एनटीपीसी का बोनस दिलाने के लिए फर्जी ऋण पुस्तिका बनाने का काम किया था। जमीन के टुकड़े-टुकड़े कर एनटीपीसी को करोड़ों का चूना लगाने के मामले में आरोपियों पर एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला जारी है।
गुरुवार को पुसौर पुलिस ने तत्कालीन तहसीलदार संजय सोमावार व पटवारी केशव राठिया के खिलाफ फर्जी ऋृण पुस्तिका बनाने के मामले में अपराध दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस दो अपराध पहले ही दर्ज कर चुकी है। जिसमें पटवारी केशव राठिया पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। जबकि तहसीलदार व भाजपा नेता के भाई संजय सोमावार पुलिस को चकमा देकर अब तक फरार है।
पुलिस के जांच अधिकारियों की माने तो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी दर्ज होगी।
शहर में खलबली
एनटीपीसी फर्जीवाड़े में तीसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद शहर में हडकंप का माहौल है। गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े में शहर के कई लोग शामिल है। जो खुद व अपने रिश्तेदारों की काली कमाई की मदद से किसानों की जमीन को खरीदा है।
इन्होंने दूसरे जिले के किसानों को एनटीपीसी का बोनस दिलाने के लिए फर्जी ऋण पुस्तिका बनाने का काम किया था। जमीन के टुकड़े-टुकड़े कर एनटीपीसी को करोड़ों का चूना लगाने के मामले में आरोपियों पर एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला जारी है।
गुरुवार को पुसौर पुलिस ने तत्कालीन तहसीलदार संजय सोमावार व पटवारी केशव राठिया के खिलाफ फर्जी ऋृण पुस्तिका बनाने के मामले में अपराध दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस दो अपराध पहले ही दर्ज कर चुकी है। जिसमें पटवारी केशव राठिया पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। जबकि तहसीलदार व भाजपा नेता के भाई संजय सोमावार पुलिस को चकमा देकर अब तक फरार है।
पुलिस के जांच अधिकारियों की माने तो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी दर्ज होगी।
शहर में खलबली
एनटीपीसी फर्जीवाड़े में तीसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद शहर में हडकंप का माहौल है। गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े में शहर के कई लोग शामिल है। जो खुद व अपने रिश्तेदारों की काली कमाई की मदद से किसानों की जमीन को खरीदा है।
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