नसबंदी मामले में एक बैगा महिला की मौत, संरक्षित जाति है बैगा
death of a Baiga female in sterilization case
11/12/2014 5:40:33 PM
बिलासपुर। पेंड्रा के गौरेला में भी नसबंदी शिविर में लापरवाही का बरतने का मामला सामने आया है। यहां नसबंदी के बाद 6 महिलाओं को गंभीर हालत में सिम्स और जिला अस्पताल रेफर किया गया।
रास्ते में एक बैगा जनजाति की महिला की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को गौरेला में स्वास्थ्य केंद्र में 22 महिलाओं की नसबंदी की गई थी। नसबंदी ऑपरेशन के बाद 6 महिलाओं की हालत बिगड़ गई।
आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने गंभीर हालत में दो महिलाएं राहिल और नेहा मांझी को सिम्स तथा 4 अन्य महिलाओं राजकुमारी, शकुन, मानकुंवर और चैतीबाई बैगा को जिला अस्पताल भेजा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही चैतीबाई ने दम तोड़ दिया। मृतका बैगा जनजाति की थी।
गौरतलब है कि बैगा जनजाति प्रदेश में संरक्षित जाति में शामिल हैं।
सकरी नसबंदी कांड की जांच के लिए हाईकोर्ट ने न्यायमित्र नियुक्त किया
उधरी सकरी में हुए नसबंदी ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
जस्टिस टीपी शर्मा और जस्टिस इंदरसिंह उबेजा ने मामले को काफी गंभीर मानते हुए दो वकीलों को न्यायमित्र नियुक्त किया है। ये दोनों न्यायमित्र मामले की संपूर्ण जानकारी लेकर हाईकोर्ट को विवरण सौंपेंगे। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब और पूरी जानकारी सौपने के निर्देष दिए हैं।
बताया जा रहा है कि पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस मामले को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखा है।
रास्ते में एक बैगा जनजाति की महिला की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को गौरेला में स्वास्थ्य केंद्र में 22 महिलाओं की नसबंदी की गई थी। नसबंदी ऑपरेशन के बाद 6 महिलाओं की हालत बिगड़ गई।
आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने गंभीर हालत में दो महिलाएं राहिल और नेहा मांझी को सिम्स तथा 4 अन्य महिलाओं राजकुमारी, शकुन, मानकुंवर और चैतीबाई बैगा को जिला अस्पताल भेजा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही चैतीबाई ने दम तोड़ दिया। मृतका बैगा जनजाति की थी।
गौरतलब है कि बैगा जनजाति प्रदेश में संरक्षित जाति में शामिल हैं।
सकरी नसबंदी कांड की जांच के लिए हाईकोर्ट ने न्यायमित्र नियुक्त किया
उधरी सकरी में हुए नसबंदी ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
जस्टिस टीपी शर्मा और जस्टिस इंदरसिंह उबेजा ने मामले को काफी गंभीर मानते हुए दो वकीलों को न्यायमित्र नियुक्त किया है। ये दोनों न्यायमित्र मामले की संपूर्ण जानकारी लेकर हाईकोर्ट को विवरण सौंपेंगे। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब और पूरी जानकारी सौपने के निर्देष दिए हैं।
बताया जा रहा है कि पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस मामले को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखा है।
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