नसबंदी: ड्रग कंपनी के दो मालिक गिरफ़्तार
छत्तीसगढ़ में नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत के मामले में पुलिस ने ड्रग कंपनी के दो मालिकों को गिरफ़्तार किया है.
पुलिस ने दवा कंपनी मेसर्स महावर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों को गिरफ्तार किया है. दोनों को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
छत्तीसगढ़ के खाद्य और औषधि विभाग ने भी रायपुर की कई मेडिकल एजेंसियों पर छापेमारी की कार्रवाई की है और बड़ी मात्रा में दवाइयां जब्त की हैं.
रायपुर के आईजी जीपी सिंह ने बीबीसी को बताया, ''महावर फार्मा के रायपुर स्थित खमारडी की फ़ैक्ट्री में छापा मारा गया था. उसके बाद रमेश महावर और सुमीत महावर को गिरफ़्तार किया गया. ये दोनों पिता-पुत्र हैं.''
इस मामले में दवाओं के बारे में संदेह व्यक्त किया गया है और सरकार छह दवाओं पर प्रतिबंध लगा चुकी है.
ये गिरफ़्तारियां नसबंदी की सर्जरी के बाद 15 महिलाओं की मौत के सिलसिले में की गई हैं.
राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जाँच का आदेश दिया है. सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिता झा को जांच का जिम्मा सौंपा गया है, जो तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करेंगी.
इनके अलावा कई महिलाएं अभी अस्पताल में भर्ती हैं और उनके रक्तचाप और उल्टी आदि परेशानियों का इलाज चल रहा है.
डॉक्टर गिरफ़्तार
इस हफ़्ते की शुरुआत में इस मामले में एक डॉक्टर को गिरफ़्तार किया गया था, जिन पर ऑपरेशनों के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप हैं.
डॉ आरके गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया था और इसके बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
ये ऑपरेशन राज्य में चल रहे सरकारी नसबंदी अभियान के दौरान किए गए थे जो देश की आबादी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है.
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