अधिकारियों की मनमानी 2 फर्जी मामला कर रहे दर्ज, परेशान हो रहे हैं ग्रामीण
Forest offers making villagers to suffer
11/13/2014 10:55:50 PM
रायगढ़। वन विभाग में अब फर्जी मामला दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। किसी ना किसी मामले में फर्जी अपराध कायम कर ग्रामीणों को वन विभाग के अधिकारी सताने में लगे हुए हैं।
पूर्व में जहां भैंसगढ़ी में एक किसान के घर से अवैध चिरान पकड़ा गया था और वह उसके खेत होने के बाद भी उसके खिलाफ अपराध कायम कर दिया गया। अब अवैध उत्खनन के मामले में एक ट्रैक्टर को जबरन राजसात करने के लिए वन अधिकारी जुटे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन अमला ने जब भेलवाटिकरा से हरिराम राठिया का ट्रैक्टर जब्त किया।
तब ट्रैक्टर में कुछ भी लोड नहीं था और ना ही अवैध उत्खनन वहां किया गया था। इसके बाद भी ट्रैक्टर को बिना वजह से फारेस्ट डिपो लेकर आ गए। इसके बाद जब मामले में जांच हुआ, तब भी ग्रामीणों ने बताया कि हरिराम के ट्रैक्टर में अवैध मुरूम नहीं है।
इसके बाद से लेकर अब तक किसान अपने ट्रैक्टर को छोड़ाने के लिए वन विभाग का चक्कर काट रहा है, लेकिन किसान का ट्रैक्टर नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे वह काफी परेशान है। विभाग के जानकारों का कहना है कि अगर ट्रैक्टर में खनिज लोड नहीं है, तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता है और जुर्माना लेकर उसे छोड़ा जा सकता है। इसके अलाव खेत का लकड़ी होने पर बिना अनुमति पेड़ काटने के जुर्म में भी जुर्माना लेकर किसानों को छोड़ा जा सकता है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी किसान को सताने में लगे हुए हैं।
पहले भी आया मामला
इससे पहले भी फर्जी केस बनाने का मामला सामने आ चुका है। जहां पूर्व में बडग़ांव के लाबो के घर से दो ट्रैक्टर लकड़ी जब्त किया गया, पर इस मामले में अब तक विभाग यह सिद्ध नहीं कर सकी कि वह लकड़ी जंगल का है। इसमें पीओआर भी दर्ज नहीं किया गया। वहीं हेतराम के घर से भी लकड़ी जब्त किया गया, पर इसमें भी उसके खेत की लकड़ी को जब्त कर फर्जी मामला तैयार किया गया।
समिति हो रहे लामबंद
ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के लापरवाह कार्रवाई के कारण अब समिति भी लामबंद हो रही है। बडग़ांव, दनौट, बरलिया, भेलवाटिकरा, भैंसगढ़ी के समिति सदस्यों ने पूर्व में डीएफओ को ज्ञापन सौंपकर समिति भंग करने की भी मांग कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के अधिकारियों की वजह से गांव को बदनाम किया जा रहा है।
अवैध उत्खनन से संबंधित मामला होने की वजह से यह प्रकरण रायगढ़ एसडीओ के कोर्ट में चलेगा। इसके बाद जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी और रही बात घर से लकड़ी जब्त करने का, तो सराई लकड़ी काटने से पहले उसकी मंजुरी लेनी पड़ती है।
विवेकानंद झा, प्रभारी, डीएफओ
वन अमला ने बिना वजह ट्रैक्टर जब्त किया है। ट्रैक्टर में थोड़ा भी मुरूम लोड नहीं था। यह बात वन अधिकारी भी जान रहे हैं, लेकिन पता नहीं क्यों ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया। अब उसे छोड़ाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके है। लोन लेकर ट्रैक्टर को खरीदा गया था। अब ट्रैक्टर जब्त हो जाने से काफी परेशानी हो रही है।
इंदर राठिया, ट्रैक्टर चालक
पूर्व में जहां भैंसगढ़ी में एक किसान के घर से अवैध चिरान पकड़ा गया था और वह उसके खेत होने के बाद भी उसके खिलाफ अपराध कायम कर दिया गया। अब अवैध उत्खनन के मामले में एक ट्रैक्टर को जबरन राजसात करने के लिए वन अधिकारी जुटे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन अमला ने जब भेलवाटिकरा से हरिराम राठिया का ट्रैक्टर जब्त किया।
तब ट्रैक्टर में कुछ भी लोड नहीं था और ना ही अवैध उत्खनन वहां किया गया था। इसके बाद भी ट्रैक्टर को बिना वजह से फारेस्ट डिपो लेकर आ गए। इसके बाद जब मामले में जांच हुआ, तब भी ग्रामीणों ने बताया कि हरिराम के ट्रैक्टर में अवैध मुरूम नहीं है।
इसके बाद से लेकर अब तक किसान अपने ट्रैक्टर को छोड़ाने के लिए वन विभाग का चक्कर काट रहा है, लेकिन किसान का ट्रैक्टर नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे वह काफी परेशान है। विभाग के जानकारों का कहना है कि अगर ट्रैक्टर में खनिज लोड नहीं है, तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता है और जुर्माना लेकर उसे छोड़ा जा सकता है। इसके अलाव खेत का लकड़ी होने पर बिना अनुमति पेड़ काटने के जुर्म में भी जुर्माना लेकर किसानों को छोड़ा जा सकता है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी किसान को सताने में लगे हुए हैं।
पहले भी आया मामला
इससे पहले भी फर्जी केस बनाने का मामला सामने आ चुका है। जहां पूर्व में बडग़ांव के लाबो के घर से दो ट्रैक्टर लकड़ी जब्त किया गया, पर इस मामले में अब तक विभाग यह सिद्ध नहीं कर सकी कि वह लकड़ी जंगल का है। इसमें पीओआर भी दर्ज नहीं किया गया। वहीं हेतराम के घर से भी लकड़ी जब्त किया गया, पर इसमें भी उसके खेत की लकड़ी को जब्त कर फर्जी मामला तैयार किया गया।
समिति हो रहे लामबंद
ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के लापरवाह कार्रवाई के कारण अब समिति भी लामबंद हो रही है। बडग़ांव, दनौट, बरलिया, भेलवाटिकरा, भैंसगढ़ी के समिति सदस्यों ने पूर्व में डीएफओ को ज्ञापन सौंपकर समिति भंग करने की भी मांग कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के अधिकारियों की वजह से गांव को बदनाम किया जा रहा है।
अवैध उत्खनन से संबंधित मामला होने की वजह से यह प्रकरण रायगढ़ एसडीओ के कोर्ट में चलेगा। इसके बाद जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी और रही बात घर से लकड़ी जब्त करने का, तो सराई लकड़ी काटने से पहले उसकी मंजुरी लेनी पड़ती है।
विवेकानंद झा, प्रभारी, डीएफओ
वन अमला ने बिना वजह ट्रैक्टर जब्त किया है। ट्रैक्टर में थोड़ा भी मुरूम लोड नहीं था। यह बात वन अधिकारी भी जान रहे हैं, लेकिन पता नहीं क्यों ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया। अब उसे छोड़ाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके है। लोन लेकर ट्रैक्टर को खरीदा गया था। अब ट्रैक्टर जब्त हो जाने से काफी परेशानी हो रही है।
इंदर राठिया, ट्रैक्टर चालक
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