आईएमए का दावा : केमिकल टॉक्सिमिया मौत का कारण
IMA claims : Chemical Toksimia cause of death
11/14/2014 7:57:48 AM
बिलासपुर। डॉक्टरों को बचाने के लिए आईएमए के प्रख्यात डॉक्टरों की टीम ने नसबंदी कराने वाली महिलाओं की मौत का कारण खराब जेनरिक दवा व संक्रमित लेप्रोस्कोप है। आईएमए ने सभी दवाएं जब्त कर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने शकरी व गौरेला के नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही को लेकर बुधवार को बैठक बुलाइ । बैठक में महिलाओं की मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी टीम ने सभी घटनाओं की सिलसिलेवार विवेचना की है। इसमें पाया गया है कि सभी नसबंदी कैंपों में एक ही बैच की जेनेरिक दवा वितरित की गई थी।
इसके साथ ही जांच में यह भी पाया गया था कि चारों शिविर में प्रयोग किया गया लेप्रोस्कोप भी एक ही था। आईएमए के डॉक्टरों ने पीडि़त महिलाओं की ब्लड कल्चर रिपोर्ट व प्रोकेल्सीटोनिन निगेटिव पाया है। इससे यह सिद्ध होता है कि मामला सेप्टीसेमिया का नहीं बल्कि कैमिकल टॉक्सिमिया यानी ड्रग रिएक्शन का है।
आईएमए की ओर से जिला अध्यक्ष डॉ. एलसी मढ़रिया, सचिव डॉ. आशुतोष तिवारी, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. आरए शर्मा, डॉ. केके साव, डॉ. व्हीके खेत्रपाल, डॉ. अरुण बलानी, डॉ. अनुराग, डॉ. सुनीता घोष व डॉ. जीबी सिंह आदि उपस्थित थे।
दवाओं पर प्रतिबंध
आई बुप्रोफेन 400एमजी टेबलेट - टीटी-450413 - मे. टेक्रिकल लैब एंड फार्मा प्रा.लि. हरिद्वार
सिप्रोसीन 500एमजी टेबलेट - 14101 सीडी - मे. महावर फार्मा प्रलि. खम्हारडीह रायपुर
लिग्नोकेन एचसीएल आईपी - आरएल 108 - मे. रिगेन लेबोरेटरीज हिसार
लिग्नोकेन एचसीएल आईपी - आरएल 107 - मे. रिगेन लेबोरेटरीज हिसार
एम्जारवेट कॉटन पुल आईपी- ए 0033 - मे. हेम्पटन इंडस्ट्रीज संजय नगर रायपुर
जिलोन लोसन - जेई-179 - मे. जी फार्मा 323 कलानी नगर इंदौर
यह निकले निष्कर्ष
- मृत्यु व बीमारी का कारण घटिया जेनेरिक दवाएं हैं।
- एक ही लेप्रोस्कोप से ऑपरेशन करने के चलते संक्रमण फैला।
- एक ही बैच की दवाएं की गई सप्लाई।
- सर्जन पर लॉपरवाही का कोई मामला नहीं बनता।
- दवाओं की खरीदी व सप्लाई राज्य शासन द्वारा की गई, इसके लिए वहीं दोषी है।
इस बैच की दवाएं हुई सप्लाई
डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि शिविरों में बैच क्रमांक 14101 सीडी की ही दवाएं सप्लाई की गई है। यह दवा अक्टूबर 2014 में निर्मित हुईं और व्ही केयर कंपनी द्वारा बनाई गई थीं।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने शकरी व गौरेला के नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही को लेकर बुधवार को बैठक बुलाइ । बैठक में महिलाओं की मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी टीम ने सभी घटनाओं की सिलसिलेवार विवेचना की है। इसमें पाया गया है कि सभी नसबंदी कैंपों में एक ही बैच की जेनेरिक दवा वितरित की गई थी।
इसके साथ ही जांच में यह भी पाया गया था कि चारों शिविर में प्रयोग किया गया लेप्रोस्कोप भी एक ही था। आईएमए के डॉक्टरों ने पीडि़त महिलाओं की ब्लड कल्चर रिपोर्ट व प्रोकेल्सीटोनिन निगेटिव पाया है। इससे यह सिद्ध होता है कि मामला सेप्टीसेमिया का नहीं बल्कि कैमिकल टॉक्सिमिया यानी ड्रग रिएक्शन का है।
आईएमए की ओर से जिला अध्यक्ष डॉ. एलसी मढ़रिया, सचिव डॉ. आशुतोष तिवारी, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. आरए शर्मा, डॉ. केके साव, डॉ. व्हीके खेत्रपाल, डॉ. अरुण बलानी, डॉ. अनुराग, डॉ. सुनीता घोष व डॉ. जीबी सिंह आदि उपस्थित थे।
दवाओं पर प्रतिबंध
आई बुप्रोफेन 400एमजी टेबलेट - टीटी-450413 - मे. टेक्रिकल लैब एंड फार्मा प्रा.लि. हरिद्वार
सिप्रोसीन 500एमजी टेबलेट - 14101 सीडी - मे. महावर फार्मा प्रलि. खम्हारडीह रायपुर
लिग्नोकेन एचसीएल आईपी - आरएल 108 - मे. रिगेन लेबोरेटरीज हिसार
लिग्नोकेन एचसीएल आईपी - आरएल 107 - मे. रिगेन लेबोरेटरीज हिसार
एम्जारवेट कॉटन पुल आईपी- ए 0033 - मे. हेम्पटन इंडस्ट्रीज संजय नगर रायपुर
जिलोन लोसन - जेई-179 - मे. जी फार्मा 323 कलानी नगर इंदौर
यह निकले निष्कर्ष
- मृत्यु व बीमारी का कारण घटिया जेनेरिक दवाएं हैं।
- एक ही लेप्रोस्कोप से ऑपरेशन करने के चलते संक्रमण फैला।
- एक ही बैच की दवाएं की गई सप्लाई।
- सर्जन पर लॉपरवाही का कोई मामला नहीं बनता।
- दवाओं की खरीदी व सप्लाई राज्य शासन द्वारा की गई, इसके लिए वहीं दोषी है।
इस बैच की दवाएं हुई सप्लाई
डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि शिविरों में बैच क्रमांक 14101 सीडी की ही दवाएं सप्लाई की गई है। यह दवा अक्टूबर 2014 में निर्मित हुईं और व्ही केयर कंपनी द्वारा बनाई गई थीं।
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