Friday, December 11, 2015

कमला काका ने अपनी व्यथा से पूरी सभा को स्तब्ध कर दिया .


कमला काका ने अपनी व्यथा से पूरी सभा को स्तब्ध कर दिया .


पीयूसीएल के वार्षिक अधिवेशन में मानवाधिकार दिवस पे एकजुट होके संघर्ष का संकल्प

















आदिवासियों के सबसे बड़े हितेषी डा.बी डी शर्मा जी को श्रधांजलि के साथ सम्मेलन शुरू किया गया .



कमला काका ने अपनी व्यथा से पुरी सभा को स्तब्ध कर दिया .

कमला काका सारकेगुड़ा में सुरक्षाबलो द्वारा 17 निर्दोष हत्याओ की पीड़ित और प्रत्यक्ष गवाह है ,और हत्या के दुसरे दिन से ही इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है ,
आज उसने सम्मेलन में अपनी व्यथा बहुत मार्मिक तरीके से व्यक्त की ,उसने कहा की उसके आठ साल के छोटे भाई को भी फ़ोर्स ने मार दिया था ,वो जिम्मेदार लोगो को सजा दिलाने के लिए थानेदार से लेके एसडीएम् ,कलेक्टर,डी आई जी ,डीजी ,मंत्री ,मुख्यमंत्री से लेके केन्द्रीय ग्रह मंत्री तक गुहार लगा चुकी है ,सबसे मिली अपनी कही पुरे सबुत दिया गवाही के लिए तैयार लेकिन अभी तक किसी भी पुलिस के खिलाफ एफ आई आर तक दर्ज नही हुई 
कमला कहती है कि झीरमघाटी में नेता मारे गये तो जाँच और कर्यवाही कहाँ से कहाँ पहुच गई लेकिन उसके एक साल पहले हुई सारकेगुड़ा में हुई 17 हत्या पे आज तक कोई गंभीर कार्यवाही तक नही हुई 
फ़ोर्स के अत्याचार इन्तहा हो गई है , लडकियो के साथ बलात्कार ,बुरी तरह मारपीट ,बच्चो के साथ बुरी तरह पिटाई हो या घरो फसलो को आग लगना उन्हें नष्ट करना आम घटना हो गई है .
महिलाओ को माँ सिद्द करने के लिए अपने स्तन से दूध निकाल के दिखाना पड़ता है ,बच्चे हिन्दी नही बोल पाते तो इसलिये पिटते है..
कमला आखरी में कहती है की आखिर हम करें तो क्या करें ऐसा कोई क़ानूनी रास्ता नही बचा जो हमने नही अपनाया .
और अब पुलिस ने अपना आखरी हथकंडा अपनाया की कमला काका के खिलाफ झुटा गवाह खड़ा कर दिया की कमला को नक्सलियों से लाखो रुपया मिला है ,इसलिए वो पुलिस के खिलाफ गवाही दे रही है, कमला बड़ी मासूमीयत से पूछती है की क्या माओवादी किसी को पैसा देते है .
सम्मेलन में अल्पसंख्यको पे हो रहे हमले पर पिछले दिनों इसाई मिशनरियो पे सुनियोजित हमले ,नन के साथ बलात्कार ,बस्तर में विश्व हिन्दू परिषद का उत्पात और कोरिया में चर्च के लोगो पे झूटे आरोप के साथ रायपुर में सिमी के नाम से 13 मुस्लिम नोजवानो की झूटे केस में गिरफ्तारी पर विस्तार से चर्चा हुई .
प्रसाद राव,फादर सेबस्टियन ,अरुण पन्ना लाल,बोस थामस,सीएन विनोद ,कुमार गिरीश, मोहम्मद शफी सिद्दुकी और नेहरु राज ने अपनी बात कही.
सत्र के अध्यक्षता राजेन्द्र सायल ने की.
दूसरा सत्र ,बस्तर में सैन्यिकृत क्षेत्र में आम आदिवासी की स्थति पे व्यापक चर्चा हुई .
ईशा खंडेलवाल ने बस्तर के कई फर्जी मुठभेड़ और उसके क़ानूनी पहल पे विस्तार से अपनी बात कही और एक फिल्म का प्रदर्शन भी किया.कमला काका ने सारकेगुड़ा की घटना और उसके बाद की कर्यवाही से अवगत कराया ,श्रेया ने बीजापुर की फेक्ट फयिनाडिंग रिपोर्ट प्रस्तुत की और एस आर नेताम ने पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियो की नई पहल की जानकारी दी उन्होंने कहा की दुर्दांत ताकतों से मुकाबला को आदिवासी तैयार हो रहे है .
आलोक शुक्ला ने बस्तर में कारपोरेट हमले और हमारे संसाधन की लुट पे प्रकाश डाला .
बस्तर क्षेत्र में पत्रकारों पे हो रहे हमलो पे पत्रकार सुरक्षा समिति के अध्यक्ष कमल शुक्ल ने संतोष यादव और सोमारू नाग (पत्रकार) की गैरकानूनी गिरफ्तारी का मुद्दा गंभीरता से उठाया, उन्होंने बस्तर के एस आर पी कल्लुरी की कुटिल भुमिका की उजागर किया 
कमल शुक्ला ने 21 दिसम्बर को बस्तर में पत्रकारो के आन्दोलन में सबको आमंत्रित भी किया.
मजदूर नेता जनकलाल ठाकुर ने अपनी बात कही और पहले दोनों सत्रों का संचालन डा लाखन सिंह ने किया .
"महिलाओ पे हिंसा और मानव तस्करी पे तीसरा सत्र आयोजित था .
सत्र में दुर्गा झा ,फादर जैकब ,श्रेया और डिग्री चौहान ने कोरिया ,जशपुर , रायगढ़ और बस्तर की घटनाओ का विस्तार से चर्चा की 
चोथा और अंतिम सत्र प्रदेश में बढ़ रही किसानो की आत्महत्या और खेती पे आये संकट की चर्चा की .
आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक और किसान नेता संकेत ठाकुर ने किसानो की आत्महत्या की घटनाओ पे सरकार की संवेदन हीनता और बर्बाद होती खेती पे विस्तार से चर्चा की , अध्यक्षता कर रहे नन्द कश्यप ने खेती पे कर्पोर्र्ट हमले के षड्यंत्र की उजागर किया. रमाकांत बंजारे ने राजनांदगाव में किसान आन्दोलन की बात कही 
सांगठनिक सत्र में महासचिव सुधा भारद्वाज ने जिला इकाई और सदस्यता को बढ़ाने की चर्चा की .

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