Friday, December 11, 2015

जापानी प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान प्रस्तावित भारत-जापान परमाणु समझौता तुरंत वापस लें !

जापानी प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान प्रस्तावित भारत-जापान परमाणु मझौता तुरंत वापस लें !

फुकुशिमा के बाद अन्य देशों को परमाणु तकनीक निर्यात करना बंद करें !

भारतियों का उन्मुक्त विनाश और नहीं सहेंगे !

मोदी की कमजोर परमाणु नीतियां से भारत में और  भोपाल होंगे !

आमंत्रण

जापान के साथ परमाणु करार भारत में परमाणु हथियारों को वैध करेगा जिससे उनकी संख्या में 
बढ़ोत्तरी होगी !

एशिया में यह हथियारों की दौड़  सैनिक शासन को और बढ़ाएगी !

विदेशी देशों के लिए परमाणु प्रतिबद्धताओं के कारण भारत की ऊर्जा प्राथमिकताएं बिगड़ेंगी !

12 दिसंबर 2015 | 11:00AM-3:00PM
जंतर-मंतर, दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में शामिल हों

प्रिय मित्रों,

हम सभी लोकतांत्रिक और शान्तिप्रिय भारतीयों एवं समुदाय जो कि प्रस्तावित परमाणु केंद्र के पास है कि तरफ से आप सबको भारत-जापान समझौते का विरोध करने के लिए आयोजित कैंपेन में आमन्त्रित करते हैं. यह समझौता जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के ११- १३ दिसंबर के दौरे पर करार किया  जायेगा। यह समझौता भारत की महत्वकांक्षी परमाणु योजना का महत्त्वपूर्ण अंग है जो कि भारत और अमरीका परमाणु संधि अमरीका और फ्रांस के परमाणु कार्यक्रम गुजरात के मीठी विरदी, आंध्र प्रदेश के कोवड़ा और महाराष्ट्र के जैतापुर बिना भारत जापान के करार के आगे नहीं बढ़ सकते। यह कार्यक्रम जापान के जरूरी पुर्ज़ों का इस्तेमाल करता हैं. जैतापुर, मीठी विर्दी, कोवड़ा और कूडनकुलम के गावों में जमीनी संघर्ष जारी है. इनके सहयोग में सभी सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक भी मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, कोलकाता और अन्य शहरों में अपना विरोध दर्ज़ कराएँगे।

भारत वासियो के हित में यह जरूरी है कि वह इस समझौते का कड़ा विरोध जताएं क्यूंकि यह लोकतंत्र को कुचलकर क्रूरतापूर्वक परमाणु तकनीक को बढ़ाने की  दिशा में एक कदम हैं. इन कार्यक्रमों का किसानो और मछुआरों द्वारा जबरदस्त विरोध  किया जा रहा है क्यूंकि ये  हज़ारों लोगों को विस्थापित करते और उनकी सुरक्षा तथा पर्यावरण को खतरे में  डालते हैं. बहुत सारे आज़ाद विशेषज्ञों और पूर्व नीतिनिर्माताओं ने भी इसके डिज़ाइन, विवादास्पद पर्यावरण अनुमति तथा पारदर्शिता और जवाब देहि की परमाणु क्षेत्र में कमी. फुकुशिमा के बाद तमाम देशों ने परमाणु ऊर्जा और इस तरह के अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों से दूर हटना शुरू कर दिया हैं।  

जापान में लोग इस समझौते का विरोध कर रहे हैं. फुकुशिमा में हुए हादसे के बाद लोगों का शिंजो अबे का यह कदम गलत लग रहा हैं. हम आपसे निवेदन करते हैं क़ि  आप इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर हमारा सहयोग करें और भारत-जापान परमाणु समझौते का विरोध करें। 

आयोजक : कोएलिशन ऑफ़ न्यूक्लिअर डिसआर्मामेण्ट एंड पीस (सी. एन. डी. पी.) | जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एन. ए. पी. एम.) | ऑल इंडिया पीपल'स फोरम (ए. आई. पी. एफ़ ) | दिल्ली समर्थक समूह (डी. एस. जी.) | खुदाई खिदमतगार | ओक्कुपायी यू. जी. सी. | टॉक्सिक वॉच अलायन्स -नो टू न्यूक्लिअर एनर्जी फोरम | न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव
संपर्क : कुमार सुंदरम - 9810556134 | शबनम शेख़ - 99971058735 | संजीव - 9958797409

No comments:

Post a Comment