Saturday, January 3, 2015

ईसाइयो पे मोदी सरकार बनने के बाद बढ़ गए हमले' शुरैह नियाज़ी

ईसाइयो पे मोदी सरकार बनने के बाद बढ़ गए हमले'

  • 5 घंटे पहले
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भारत अफ़गान ईसाई
फ़ाइल फ़ोटो
धर्मांतरण पर बीबीसी की ख़ास सीरीज़ में बात मध्य प्रदेश की, जहां ईसाई समुदाय काफ़ी डरा हुआ है.
ईसाई धर्म नेताओं का कहना है कि पिछले कुछ वक़्त में यहां समुदाय पर हमलों की संख्या बढ़ गई है.
क्रिसमस के दौरान भी ईसाई हिंदू संगठनों के हमलों के शिकार हुए हैं.
किरन भदोले को सन् 2007 का वह दिन याद है जब वह अपने दो साथियों के साथ खरगोन ज़िले के गांव डोगल चीचली में एक घर में प्रार्थना करवाने गए थे.

पुलिसिया हथियार

खाना खाने के बाद वे लोग प्रार्थना के लिए तैयार हो ही रहे थे कि हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने घर पर हमला बोला.
पुलिस ने भदोले को धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया.
मंडला चर्च हमला
फ़ाइल फ़ोटो, मंडला चर्च हमला
हिंदू संगठनों का आरोप था कि वे लोग इस तरह की प्रार्थना सभा आयोजित कर लोगों को पैसे देकर ईसाई बना रहे हैं.
किरण भदोले ने बीबीसी को बताया, "धर्मांतरण के मामले में यदि केस दर्ज हो जाए तो व्यक्ति अपने ख़ुद के धर्म का भी पालन करने से डरता है. कब वह प्रार्थना कर रहा हो और पुलिस हिंदू संगठनों के साथ आकर गिरफ़्तार कर ले."

आरोप

लगातार कोर्ट के चक्कर लगाने के बाद 2013 में भदोले इन आरोपों से बरी हो पाए.
वह कहते हैं, "हम लोग हमेशा निशाने पर रहते हैं. कभी भी हम पर हमला बोला जा सकता है. आरोप यही होता है कि हमने पैसा देकर लोगों को ईसाई बनाया है. हमें परेशान करने का यह सबसे आसान हथियार है."
इस साल क्रिसमस सप्ताह के दौरान खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर ज़िलों में धर्मांतरण का आरोप लगाकर ईसाई समुदाय पर हमला किया गया.
खंडवा ज़िले में 16 लोगों को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. उनमें महिला-पुरुषों के साथ उनके छोटे बच्चे भी हैं.

बहुत बुरा वक़्त

ईसाई क्रॉस और हिंदू त्रिशूल
भदोले के मुताबिक़ पुलिस आमतौर पर हिंदू संगठनों के साथ खड़ी नज़र आती है.
लेकिन मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह ऐसा नहीं मानते. वह कहते हैं, "अगर मेरे पास कोई शिकायत आएगी तो मैं उसकी जांच ज़रूर करवाऊंगा. पुलिस आख़िर किसी एक के पक्ष में क्यों खड़ी होगी."
मिनिस्टर ऑफ़ जीजस क्राइस्ट संगठन के शिबू थॉमस आरोप लगाते हैं कि मध्य प्रदेश में ईसाई समुदाय पर हमले राज्य में भाजपा सरकार के बनने के साथ ही तेज़ हो गए थे लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद ये बढ़ गए हैं.
मध्य प्रदेश क्रिश्चियन एसोसिएशन की अध्यक्ष इंदिरा आयंगर कहती हैं कि यह वक़्त ईसाइयों के लिए बहुत खराब है.

धर्मांतरण

वह कहती हैं, "हम अपने आप को एकदम अकेले पा रहे हैं. हालात यह है कि धर्मगुरुओं को लगने लगा है कि उनके साथ कभी भी कुछ भी किया जा सकता है. किसी भी प्रार्थना सभा में हमला हो सकता है. कुछ स्थानों पर चर्च को भी बंद किया गया है.
उन्होंने कहा, "हमले तो पहले से ही हो रहे थे लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ये हमले बहुत ज़्यादा बढ़ गए हैं."
बजरंग दल
लेकिन बजरंग दल के प्रदेश सह-संयोजक कमलेश ठाकुर आरोप लगाते हैं कि ईसाई समुदाय सेवा के नाम पर लोगों का धर्मांतरण कराने के काम में लगा हुआ है.
उन्होंने कहा, "ये लोग प्रलोभन देकर ग़रीब लोगों को ईसाई बनाने के काम में लगे हुए हैं. आख़िर इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है."

शिकायत

वह कहते हैं, "जब-जब युद्ध हुआ है धर्म के लिए ही हुआ है. धर्मांतरण को लेकर भी युद्ध हो सकता है. इसीलिए हम चाहते है कि धर्मांतरण को लेकर जल्द से जल्द केंद्रीय कानून बने. हिंदू कभी भी किसी का धर्मांतरण नहीं करता यह काम ईसाई मिशनरी ही कर रही हैं."
मध्य प्रदेश ईसाई महासंघ के फादर आनंद मुटुंगल इस बात को सिरे से ख़ारिज करते हैं.
उनका कहना है, "आख़िर कौन व्यक्ति होगा जो सिर्फ पैसों के लिए अपना धर्म बदल लें. साज़िश के तहत ये सब चल रहा है ताकि ईसाइयों को निशाना बनाया जा सकें. समुदाय के लोग सिर्फ और सिर्फ सेवा भावना में विश्वास रखते हैं और किसी अन्य चीज़ में नहीं."
आदिवासी इलाक़ों में रह रहे ईसाई अब ये मान रहे हैं कि उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए पुलिस के पास मौखिक शिकायत ही काफ़ी है और हिंदू संगठनों की मनमानी को रोकने वाला कोई नहीं है.

क्या कहता है क़ानून

मंडला चर्च हमला
फ़ाइल फ़ोटो. मंडला चर्च हमला
  • मध्य प्रदेश के धर्मांतरण विरोधी क़ानून को पिछले साल, मध्य प्रदेश धर्म स्वतांत्र्य (संशोधन) विधेयक 2013, के ज़रिए और सख्त बनाया गया.
  • इसके तहत जो भी धर्मगुरू किसी को अपने धर्म में शामिल करना चाहता है तो उसे इसकी सूचना 30 दिन पहले प्रशासन को देनी होगी.
  • जिस पर भी लालच देकर धर्मांतरण करने का आरोप सिद्ध हो जाता है, उसे जेल होती है.
  • ऐसे में धर्मांतरण करने वाले के पुरुष होने पर धर्मगुरू को तीन साल की सज़ा और महिला या दलित होने पर चार साल तक की सज़ा होगी.

ईसाइयों पर हुए कब-कब हुए हमले

  • 2014 सितंबर में मंडला ज़िले के पकरीटोला घुटास गांव में एक चर्च को आग लगा दी गई.
  • 2008 में जबलपुर में सेंट पीटर और पॉल केथेड्रल को आग लगा दी गई थी.
  • भोपाल में जनवरी 2006 को कुछ लोगों ने ईसाइयों की एक सभा पर रॉड और लाठियों से हमला बोल दिया था. इस हमले में ईसाई समुदाय के 12 लोगों घायल हो गए थे. हमला करने वाले लोग ईसाइयों के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे.
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