Friday, June 9, 2017

मोदी सरकार किसानों को राहत देने की बजाए कार्पोरेट घरानों के मुनाफे हेतु प्रतिबद्ध .

            प्रेसविज्ञप्ति                                                                              
मोदी सरकार किसानों को राहत देने की बजाए कार्पोरेट घरानों के मुनाफे हेतु प्रतिबद्ध .

आन्दोलनरत किसानों पर गोली चलाने से भाजपा सरकार का असली चेहरा उजागर हुआ .

छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन
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पिछले एक महीने से चार प्रमुख मांगो पर आन्दोलनरत किसानों पर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा करवाई गई फायरिंग और दमनात्मक कार्यवाही का छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन कड़े शब्दों में निंदा करता हैं, और शहीद किसानों को श्रदांजलि अर्पित करता हैं l आन्दोलनरत किसानों की मांगो पर विचार करने के बजाये पुलिसिया दमनात्मक कार्यवाही से शिवराज और मोदी दोनों सरकारों का असली चेहरा उजागर हुआ हैं l
आज देश में किसानों के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं l कृषि में बढ़ते उत्पादन लागत, गिरते बाज़ार मूल्यों और चक्रवृद्धि ब्याज वाले बढ़ाते कर्जों के बोझ तले दबे किसानों को भाजपा के कर्ज माफी और आमदनी दुगुनी करने के वादों ने बहुत उम्मीद जगायी थी, परन्तु तीन साल बीतने के बाद किसान अब छला महसूस कर रहा है l कर्जे के बोझ तले दबे किसानों पर विमुद्रीकरण से उनकी आर्थिक स्थिति पर और अधिक गंभीर दुष्प्रभाव पड़े हैं l हालत यह रही की किसानों को उनकी उपज के खरीददार तक नही मिले l इसके उधाहरण छत्तीसगढ़ में भी दिखाई दिए जहाँ किसानों ने खरीददार नहीं मिलने पर  टमाटर को व्यापक रूप से सडको पर फेंका हैं l
यह कहने में कोई आश्चर्य नहीं हैं कि सरकारें जानबूझ कर कृषि को संकट से उबारना नहीं चाहती l इसके पीछे मूल मकसद हैं किसानों कि जमीन को आसानी से बाजार में उपलब्ध कराते हुए उधोगीकरण और व्यावसायिक कृषि हेतु सोपना l ऊँची लागत नीचे दाम के संकट में किसान लगातार कर्जे में जा रहे है, जिसका नतीजा किसान आत्महत्या के आकड़े प्रतिदिन बढ रहे है l केन्द्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 12608 किसान आत्महत्या कर रहे है l हालाकि 2014 लोकसभा चुनावों से पूर्व ही देश के किसान आत्महत्या कर रहे थे, जो वर्तमान सरकार के समय भी अनवरत हैं l मोदी सरकार ने नारा तो किसानो की आय को दुगना करने का दिया हैं, परन्तु नीतियां किसानों से ज्यादा कार्पोरेट जगत को मुनाफा पहुचाने की अपनाई जा रहीं हैं l इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं की कार्पोरेट जगत का 6 लाख 70 हजार करोड़ रूपये कर्ज को एन पी ए घोषित करके माफ़ कर दिया गया हैं l इसमें से 4 लाख 70 हजार करोड़ रूपये सिर्फ 50 बड़े कार्पोरेट घरानों का हैं l इसके अलावा मोदी सरकार के द्वारा पिछले 3 वर्षो में लगभग 1 लाख 70 हजार करोड़ की रियायत करों में प्रदान की गई हैं l
छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन मोदी सरकार की इन कार्पोरेट परस्त नीतियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हैं और मंदसोर सहित पूरे देश के किसानों के आन्दोलन में अपनी एकजुटता प्रदर्शित करता हैl साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों की मांगो को शीघ्र ही पूरा करने का आह्वान करता हैं l

भवदीय

आनंद मिश्रा                    
नंदकुमार कश्यप          
 रमाकांत बंजारे        
 आलोक शुक्ला
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छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन 

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