♦साय ने कहा जमीन संबंधी पूरी जानकारी आयोग को दें
नईदिल्ली।छत्तीसगढ़ के रायगढ जिले के कुनकुनी में आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित मामले में रायगढ़ के जिला कलक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं बिलासपुर के मंडल रेल प्रबन्धक नई दिल्ली में केंद्रीय अनुसूचित आयेाग के समक्ष पेश हुए।राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग ने जिला कलक्टर को निर्देश दिया कि वे भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफकी गई विभागीय कार्रवाई की वर्तमान स्थिति की जानकारी आयोग को दें। साथ ही सभी प्रकरणों में अनुसूचित जनजातियों से नियम विरूद्ध ली गई भूमि मूल भू-स्वामियों को वापस करने तथा छत्तीसगढ राज्य भू-राजस्वसंहिता की धारा 170 (1 एवं 2) के तहत दर्ज प्रकरणों के अतिशीघ्र निपटान के संबंध में तत्परता से कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को भेजें।
नईदिल्ली।छत्तीसगढ़ के रायगढ जिले के कुनकुनी में आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित मामले में रायगढ़ के जिला कलक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं बिलासपुर के मंडल रेल प्रबन्धक नई दिल्ली में केंद्रीय अनुसूचित आयेाग के समक्ष पेश हुए।राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग ने जिला कलक्टर को निर्देश दिया कि वे भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफकी गई विभागीय कार्रवाई की वर्तमान स्थिति की जानकारी आयोग को दें। साथ ही सभी प्रकरणों में अनुसूचित जनजातियों से नियम विरूद्ध ली गई भूमि मूल भू-स्वामियों को वापस करने तथा छत्तीसगढ राज्य भू-राजस्वसंहिता की धारा 170 (1 एवं 2) के तहत दर्ज प्रकरणों के अतिशीघ्र निपटान के संबंध में तत्परता से कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को भेजें।
इसके अलावा उन्हें यह निर्देश भी दिया गया कि जिन मामलों में कलेक्टर की अनुमति से अनुसूचित जनजातियों की भूमि का हस्तांतरण किया गया है, उनमें भू-स्वामियों को वास्तव में भुगतान की गई राशि की जानकारी दी जाए। जिन मामलों में कलेक्टर से अनुमति लिए बिना भूमि काहस्तांतरण किया गया है, ऐसे नामांतरणों को रद्द कर मूल भू-स्वामियों को भूमि वापस करने की कार्रवाई की जाए। यदि भूमि किसी कम्पनी के नाम कर दी गई है तो उसे भी मूल भू-स्वामी को वापस किया जाए और राजस्वरिकॉर्डों में मूल भू-स्वामी का नाम वापस दर्ज किया जाए। बेनामी क्रय की गई संपत्ति की पहचान कर उसे मूल भू-स्वामियों को वापस करने की कार्रवाई भी की जाए।
आयोग ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे जयलाल राठिया की मृत्यु के संबंध में उपलब्ध परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच करें कि वे मृत्यु से पहले किन व्यक्तियों से मिले थे, कहां-कहांगये थे,उन्हें किन व्यक्तियों द्वारा धमकियां दी जा रही थीं तथा उनकी सुरक्षा को किन लोगों से खतरा था। पुलिस उनकी मोबाईल कॉल डिटेल एवं उनके साथ रहने वाले लोगों से पूछताछ कर इस संबंध में जानकारी जुटाए एवंप्राप्त जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करे एवं पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से आयोग को अवगत कराएं।
आयोग ने मंडल रेल प्रबन्धक, बिलासपुर से रेलवे साइडिंग हेतु अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की भूमि अधिग्रहण /क्रय विक्रय के संबंध में विस्तार से जानकारी मांगी एवं जरूरी दिशा निर्देश दिए।
बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार रायगढ जिले के खरसिया क्षेत्र में 300 एकड कुनकुनी जमीन विवाद को प्रकाश में लाने वाले जयलाल राठिया की 17 मार्च को अचानक मौत हो गई थी। समाचारों में कहागया कि मृतक आदिवासी किसान नेता ने भू माफिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और उनके शव का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के कर दिया गया, जिससे संदेह पैदा हुआ।
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