"आप" कार्यकर्ताओं ने बुर्कापाल जाकर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, शांति वार्ता प्रारंभ करने की मांग
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा सुकमा जिले के बुर्कापाल के मुठभेड़ स्थल में जाकर सीआरपीएफ के 25 शहीद जवानों को कल 2 मई को श्रद्धांजलि दी गई । इस हेतु आम आदमी पार्टी के के कार्यकर्ताओं का राज्य स्तरीय दल आप नेत्री सोनी सोरी एवम सुकमा के पूर्व सीजीएम प्रभाकर ग्वाल के नेतृत्व में बुर्कापाल स्थित सीआरपीएफ केम्प पहुंचा । आप की टीम ने दोरनापाल से बुर्कापाल के बीच रास्ते में पड़ने वाले 5 सीआरपीएफ केम्प और 2 पुलिस थाना में तैनात जवानों से मुलाकात की । बुर्कापाल के 74बटालियन सीआरपीएफ केम्प के डिप्टी कमाडेंट से मिलकर शहीद जवानों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त की । इस दल में रायपुर से आप नेता डॉ संकेत ठाकुर, महिला विंग प्रमुख दुर्गा झा, दंतेवाड़ा से सुकल प्रसाद नाग, बीजापुर से तिरुपति येलम, सुकमा से रामदेव बघेल एवं गीदम से लिंगाराम कोडोपी सहित 10 कार्यकर्ता शामिल थे । उल्लेखनीय है कि माओवादियों के गढ़ में जाकर सुरक्षाबलों से मिलने वाली सामाजिक-राजनैतिक संस्थाओं में से आम आदमी पार्टी पहली संस्था है जिसने बुर्कापाल के मुठभेड़ स्थल ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर शहीदों की स्मृति में उन्हें मोमबत्ती जलाकर श्रद्धान्जलि दी । घटनास्थल का अवलोकन करते हुए पेड़ो पर गोलियों के निशान पाये गये ।
आप टीम की मुलाकात बुर्कापाल के ग्रामीणों से हुई जिन्होंने बताया कि गांव के पुरुष गांव छोड़कर अज्ञात स्थान में चले गये है । 6 पुरुषो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, इनमें से एक की पत्नी जोगा हेमला ने बताया कि वह गर्भवती है और गर्भ से बच्चा आने को है लेकिन वह भीषण दर्द की वजह से चलने में अपनेें को अक्षम पा रही है । बेहद दुर्गम रास्ता होने की वजह से उसने आप टीम के साथ चलने में अपनी असमर्थता जताई । अतः आप नेत्री सोनी सोरी ने जिला प्रशासन से एम्बुलेंस भेजकर प्रसव गांव में करवाने का निवेदन किया है ।
कर्तव्य के दौरान शहीद होने पर प्रत्येक जवान के परिवार को दिल्ली सरकार द्वारा रु एक करोड़ की सहायता राशि दी जाती है । इसी तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ सरकार से बुर्कापाल के प्रत्येेक शहीद जवान के परिवारों को एक-एक करोड़ की सहायता राशि देने की मांग की है ।
आपनेत्री सोनी सोरी ने कहा कि बस्तर में हिंसा का दौर समाप्त होना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है । माओवादियों और सुरक्षाबलों के संघर्ष में सबसे ज्यादा पीड़ित आदिवासी हो रहे है । दहशत में गांव के गांव खाली हो रहे है, बुर्कापाल और चिंतागुफा लगभग वीरान हो गयेहै । अतः बस्तर में शांति लाने राज्य सरकार तत्काल शांतिवार्ता हेतु आदिवासियों, जनप्रतिनिधियों एवम माओवादियों को जोड़कर आवश्यक पहल करे ।
आम आदमी पार्टी
छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment