स्टिंग 'ऑपरेशन शहीद': 'हम पकड़ें तो बेगुनाह और पुलिस पकड़े तो इनामी नक्सली'
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ाई में सीआरपीएफ और पुलिस आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई हैं.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ाई में सीआरपीएफ और पुलिस आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई हैं. न्यूज18 इंडिया के स्टिंग 'ऑपरेशन शहीद' में यह सामने आया है कि सीआरपीएफ और पुलिस के बीच विश्वास की कमी है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा पिछले दिनों हुए नक्सली हमले की वजह तलाशने को किए गए स्टिंग में सीआरपीएफ के कमांडेंट फिरोज कुजूर ने तो यह आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस केवल पुरस्कार के लालच में नक्सलियों पर ऑपरेशन चलाती है. वे पुलिस से मदद ना मिलने की बात भी कहते हैं.
फिरोज की मानें तो सारा चक्कर इनाम का है. फिरोज ने बताया कि जब कोई नक्सली सीआरपीएफ के हत्थे चढ़ता है, तो पुलिस बेगुनाह बताकर छोड़ देती है. वही नक्सली पुलिस के हाथ आ जाए, तो उसे लाखों को इनामी बता दिया जाता है.
उन्होंने बताया, 'हम किसी को पकड़ के लाए लेकिन हम डाउटफुल है. हम तो जानते नहीं (नक्सली के बारे में) वो बोलेंगे ये वो नहीं है. जब हमारे सामने वो (नक्सली) बोल रहा है कि वो नक्सली ग्रुप में काम किया है सारी चीज़ किया है. लेकिन उस पर भी कोई तवज्जो नहीं है.'
कमांडेंट फिरोज कुजूर ने कहा, 'अगर वही चीज़ पुलिस के पास चला जाती तो उसे मान लिया जाता है. वो (नक्सली) खुद बोला तो उसे एक लाख का इनामी घोषित कर दिया जाता है. वो पकड़ने से तो इनामी है...हम पकड़ लिया तो इनामी नहीं है.'
वे इलाके में मोबाइल नेटवर्क की समस्या को भी बड़ी वजह मानते हैं. इस बारे में उन्होंने बताया, 'मेरे को कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या BSNL वालों को भी किसी ने दबा कर रखा है क्या?'
हालांकि पुलिस के पास अपने कारण हैं. उनका कहना है कि जब उनके पास ही पर्याप्त पुलिस बल नहीं है तो वे सीआरपीएफ को जवान कहां से दें. द्रोनापाल के सब डिविज़नल पुलिस ऑफिसर विवेक शुक्ला ने बताया कि वे (सीआरपीएफ) वाले 70 लोग निकलते हैं तो उन्हें 20 लोग कहां से देंगे.
शुक्ला सीआरपीएफ पर हमले के बाद उनसे लूटे गए हथियारों को बड़ा खतरा मानते हैं.
उन्होंने बताया, 'जवान के साथ-साथ हर घटना में हथियार भी चले गए. जैसे 76 जवान के साथ 76 हथियार गए. इन हथियारों ने इन लोगों (नक्सलियों) को स्ट्रॉन्ग बना दिया है. आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. एक पूरी आर्मी इन लोगों ने तैयार कर ली. अभी 21 या 22 वेपन भी गए हैं. UBGL गया है. बुलेट प्रूफ जैकेट गया है. बाइनाक्यूलर गया है. सोचकर आप देखिए कि कितनी बड़ी उन लोगों की आर्मी तैयार हो रही है.
उन्होंने नक्सलियों को छोड़े जाने को लेकर सीआरपीएफ के आरोप पर कहा कि निर्दोष को थोड़ी पकड़ सकते हैं. इस बारे में निचले स्तर तक पूछा जाता है. उसके बाद फैसला होता है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा पिछले दिनों हुए नक्सली हमले की वजह तलाशने को किए गए स्टिंग में सीआरपीएफ के कमांडेंट फिरोज कुजूर ने तो यह आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस केवल पुरस्कार के लालच में नक्सलियों पर ऑपरेशन चलाती है. वे पुलिस से मदद ना मिलने की बात भी कहते हैं.
फिरोज की मानें तो सारा चक्कर इनाम का है. फिरोज ने बताया कि जब कोई नक्सली सीआरपीएफ के हत्थे चढ़ता है, तो पुलिस बेगुनाह बताकर छोड़ देती है. वही नक्सली पुलिस के हाथ आ जाए, तो उसे लाखों को इनामी बता दिया जाता है.
उन्होंने बताया, 'हम किसी को पकड़ के लाए लेकिन हम डाउटफुल है. हम तो जानते नहीं (नक्सली के बारे में) वो बोलेंगे ये वो नहीं है. जब हमारे सामने वो (नक्सली) बोल रहा है कि वो नक्सली ग्रुप में काम किया है सारी चीज़ किया है. लेकिन उस पर भी कोई तवज्जो नहीं है.'
कमांडेंट फिरोज कुजूर ने कहा, 'अगर वही चीज़ पुलिस के पास चला जाती तो उसे मान लिया जाता है. वो (नक्सली) खुद बोला तो उसे एक लाख का इनामी घोषित कर दिया जाता है. वो पकड़ने से तो इनामी है...हम पकड़ लिया तो इनामी नहीं है.'
वे इलाके में मोबाइल नेटवर्क की समस्या को भी बड़ी वजह मानते हैं. इस बारे में उन्होंने बताया, 'मेरे को कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या BSNL वालों को भी किसी ने दबा कर रखा है क्या?'
हालांकि पुलिस के पास अपने कारण हैं. उनका कहना है कि जब उनके पास ही पर्याप्त पुलिस बल नहीं है तो वे सीआरपीएफ को जवान कहां से दें. द्रोनापाल के सब डिविज़नल पुलिस ऑफिसर विवेक शुक्ला ने बताया कि वे (सीआरपीएफ) वाले 70 लोग निकलते हैं तो उन्हें 20 लोग कहां से देंगे.
शुक्ला सीआरपीएफ पर हमले के बाद उनसे लूटे गए हथियारों को बड़ा खतरा मानते हैं.
उन्होंने बताया, 'जवान के साथ-साथ हर घटना में हथियार भी चले गए. जैसे 76 जवान के साथ 76 हथियार गए. इन हथियारों ने इन लोगों (नक्सलियों) को स्ट्रॉन्ग बना दिया है. आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. एक पूरी आर्मी इन लोगों ने तैयार कर ली. अभी 21 या 22 वेपन भी गए हैं. UBGL गया है. बुलेट प्रूफ जैकेट गया है. बाइनाक्यूलर गया है. सोचकर आप देखिए कि कितनी बड़ी उन लोगों की आर्मी तैयार हो रही है.
उन्होंने नक्सलियों को छोड़े जाने को लेकर सीआरपीएफ के आरोप पर कहा कि निर्दोष को थोड़ी पकड़ सकते हैं. इस बारे में निचले स्तर तक पूछा जाता है. उसके बाद फैसला होता है.
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