क्या सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ चल रही है कोई साजिश!
Glibs
/ राजनीतिछत्तीसगढ़
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता अपने खिलाफ षड़यंत्र और बदनाम करने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है । दरअसल पिछले कुछ महीनों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घरों में हमले से लेकर उनके खिलाफ थानों में एफआईआर दर्ज की गई। ताजा मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट में पोडियाम पंडा के आत्मसमर्पण को लेकर दायर की गई पुनरीक्षण याचिका में सुनवाई के बाद का है। आत्मसमर्पित किए गए नक्सली पोडियाम पंडा के आत्मसमर्पण को लेकर उनकी पत्नी द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें पुलिस ने सोमवार को पोडियाम को उच्च न्यायालय में पेश किया । जहां उसने न्यायालय के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। पोडियाम के बयान को मीडिया में शरारतपूर्ण तरीके से तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा है। पोडियाम पंडा की पत्नी मुये ने बिलासपुर में प्रेस कान्फ्रेंस कर इस बात से इंकार किया है कि हाईकोर्ट में याचिका तीनों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ईशा खंडेलवाल, सुधा भारद्वाज और शालिनी गैरा द्वारा किया गया था। उसका कहना है कि याचिका उसने खुद लगाई थी और उसे किसी ने भी रोका नहीं था। न ही उसे तीनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बंदी ही बनाया था।
उसका आरोप है कि पुलिस ए.एस.पी जितेन्द्र शुक्ला ने कोर्ट में पंडा के दिया बयान को पूरी तरह गलत तरीके से प्रस्तुत किया। बिलासपुर हाई कोर्ट में उसने सिर्फ सरेंडर की बात की और कहा की मैं पुलिस के दबाब में नहीं हूँ और अपनी मर्जी से पुलिस के साथ रहना चाहता हूं। उसने कहा की वह पुलिस दबाव से स्वतंत्र है। मुये का कहना है कि पुलिस कोर्ट में पूरे समय पर थी, और पंडा को एक क्षण के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा गया। क्या यह उसके स्वाधीनता का प्रतीक है? क्या पंडा ने वाकय में बिना किसी दबाव के अपना कथन दिया?
उसने कभी अपनी पत्नी को किसी वकील के दबाब या जबरजस्ती बंदी बनाये जाने की बात नहीं की ,यह पूरी तरह कोर्ट की प्रोसिडिंग के खिलाफ और उसकी अवमानना हैं। इस तरह का झूठ जानबूझकर सामाजिक कार्यकर्ताओ और पंडा की पत्नी के वकील की छवि ख़राब करने के लिये छेड़ी गई मुहिम का हिस्सा हैं। मुये के साथ कान्फ्रेंस में उसके दोनों बेटे भीमा और गंगा व भाई कोमल सिंह भी प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित थे। प्रेस कोंफ्रेंस में आदिवासी महा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम भी उपस्थित थे। पंडा की पत्नी ने यह भी कहा की जब आखरी में पंडा उनसे मिले तो उनके हाथ कांप रहे थे और वे बेहद डरे हुए थे।
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