Tuesday, May 30, 2017

मानसून से पहले सरकार पर फिर बरसीं “वर्षा डोंगरे”

मानसून से पहले सरकार पर फिर बरसीं “वर्षा डोंगरे”


रिपोर्ट – विनोद दुबे
रायपुर।मानसून के पहले एक बार फिर ‘वर्षा’ सरकार पर जमकर बरस रही हैं. रायपुर केन्द्रीय जेल की निलंबित डिप्टी जेलर वर्षा डोंगरे ने फेसबुक पेज पर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उसने लिखा है कि उनके खिलाफ आरोप पत्र में बेहद ही गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाए गए हैं. वर्षा ने खुले तौर पर लिखा है कि सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना हर नागरिक का संवैधानिक हक़ है.

ये लिखा है वर्षा ने अपने फेसबुक पर

”  आरोप पत्र में बेहद ही गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाए गए हैं.ऐसा लगता है कि एक लोक सेवक जनता का नहीं बल्कि सरकार का सेवक है. जबकि सरकार स्वयं जनता की सेवक है. इस तरह हम सबका मालिक आम जनता है.” सरकार ने हमें यह जमीन नहीं दी है बल्कि यह जमीन इस देश में जन्म लेने वाले प्रत्येक नागरिक को स्वतः ही प्राप्त हो जाती है. गलत नीतियां… जिसमें आम जनता का अहित होता हो.. के विरुद्ध बोलने की स्वतंत्रता देश के सभी नागरिकों का संवैधानिक मौलिक अधिकार है. लोक सेवक को पारिश्रमिक, जनता के टैक्सों द्वारा जमा किए गए पूंजी से प्राप्त होता है ना कि कोई शासन अपने स्वयं के जेब से देती है. इसलिए लोक सेवक की जवाबदेही और जिम्मेदारी जनता व शासन दोनों के प्रति होती है. शासन की नीतियों का पालन करने के साथ ही लोक सेवक का कार्य जनता के संवैधानिक संरक्षण सुनिश्चित करना भी है.
हम अन्याय विरोधी हैं…सरकार विरोधी नहीं…जय संविधान.. जय भारत..!
दरअसल वर्षा डोंगरे ने यह सब उस पोस्ट के जवाब में लिखा है जिसमें संतोष कुंजाम नाम के एक व्यक्ति ने वर्षा डोंगरे सहित कुछ लोगों को पोस्ट किया है। उस पोस्ट में उसने वर्षा डोंगरे के निलंबन आरोप पत्र विशेष के अंश के नाम से लिखा है। जिसमें लिखा गया है ‘सरकार की तनख्वाह खाती हो और सरकार की नीतियों की आलोचना करती हो।

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