भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ पूरे छत्तीसगढ़ में भारी विरोध , रायपुर ,बिलासपुर , रायगढ़ ,धरमजयगढ़ और जशपुर में अध्यादेश जलाया गया ,राज्यपाल को ज्ञापन
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन और अन्य जन संघटनो ने मिल के कल रायपुर में भूमिअधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और अध्यादेश को जलाया ,सभ केबाद में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया ,मोदी सरकार ने कार्पोरेट जगत को लाभ पहुचने और किसानो आदिवासियों से जमींन छीनने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जान किरोड़ी निर्णय लेके भूमि अधिग्राहण अध्यादेश पास किया है ,जिसे हम सारे संघटन अस्वीकार करते हैं। अध्यादेश में रक्षा ,ओधोगिक कॉरिडोर ,ग्रामीण आधारभूत संरचना ,बिजली तथा पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के तहत भूमिअधिग्रहण के लिए 80 प्रतिशत भूमि स्वामियों की सहमति और सामाजिक प्रभाव अध्यन की जरुरत की समाप्त कर दिया गया हैं। साथ ही इसमें बहुफसली जमींन के अधिग्रहण की भी अनुमति हैं।
अभी इस कानून को बने एक साल भी पूरा नही हुआ है ,इसके जमींन में लागु होने भी नहीं हो पाया था ,फिर विकास के नाम पर अध्यादेश के माध्यम से संशोधन करना जनतांत्रिक मूल्यो और संविधान का गाला घोंटना ही हैं ,यह अध्यादेश बहुदलीय सहमति और संसदीय परंपरा का मखोल उड़ाता हैं। सत्ता में आते ही महज 6 महीने में ही अडानी अम्बानी को लाभ पहुचने के लिए लगातार तीन अध्यादेश लाके जनता के लोकतांत्रिक अधिकार और कानून की जनतंत्रिय परमपरा को ब्यापार के नाम पे संसद में बेचने की कोशिश हैं।
इससे भाजपा का गरीब विरोधी और कार्पोरेट प्रेमी का असली चेहरा उजागर हुआ हैं ,
विरोध प्रदर्शन में सीपीआई के सीआर बक्शी ,सीपीआईएम के संजय पराते ,सीपीआईएमएल के सौरा यादव ,
आप पार्टी के संयोजक संकेत ठाकुर ,वरिष्ठ नेता आनंद मिश्रा ,आदिवासी महासभा के सीएल पटेल ,छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा [मजदुर कार्यकर्ता समिति] की सुधा भारद्धाज , किसान सभा के नन्द कश्यप ,नदी घाटी घाटी मोर्चा के गौतम बंदोपाध्याय ,अधिवक्ता राजेंद्र सायल ,अरण्य बचाओ समिति के जयनंदन पोर्ते ,जशपुर जिला संघर्ष समिति के जेकब कुजूर ,पीयूसीएल के डा लाखन सिंह ,छत्तीगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ल ,रमाकांत बंजारे ,नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के उत्तम साहू सहित कई संघटन के प्रतिनिधि शामिल हुए ,
ऐसे ही विरोध प्रदर्शन बिलासपुर ,रायगढ़ ,धर्मजयगढ़ और जशपुर में भी हुए ,
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