23-24 जनवरी 2015 को एक दो दिवसीय् राष्ट्रीय अधिवेशन, देहली
प्रिय साथी,
हाल ही में मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए एक अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश के जरिए से सरकार और कम्पनीयों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। क्योंकि इस अध्यादेश में सन् 2013 में बने हुए संशोधित भूमि अधिग्रहण कानून में जो थोडे़ बहुत जनपक्षीय प्रावधान थे, उसे भी खत्म कर दिया गया और साथ ही साथ 13 अन्य कानूनों जैसे वनाधिकार कानून 2006, वन संरक्षण कानून आदि के प्रावधानों को भी अध्यादेश के अन्तर्गत कर लिया गया, जिससे इन कानूनों में लोगों के लिए जो अधिकार सुरक्षित रखे गये थे उसे भी निष्प्रभावी कर दिया गया, यानि के सरकार व कम्पनी द्वारा व्यक्तिगत और सार्वजनिक ज़मीनों का जो अधिग्रहण/अतिक्रमण होगा उसके खिलाफ कोई कानूनी प्रक्रिया अब नहीं होगी। सरकार ने एक झटके में जल,जंगल,ज़मीन व खनिज पर लोगों के जो भी सीमित अधिकार सुनिश्चत थे उसे भी खत्म कर दिये।
मोदी सरकार के इस जन विरोधी कदम के विरोध स्वरूप जनसंगठनों ने मिलकर दिल्ली में 23-24 जनवरी 2015 को एक दो दिवसीय् राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करना तय किया हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार की इऩ जन विरोधी नीतियों के विरोध को तेज करने के लिए आप हमारे साथ जरूर कदम से कदम मिलाएंगे। आपसे यह भी आग्रह है कि आप जितना ज्यादा हो सके इस कार्यक्रम की सूचना और लोगों तक पहुंचा कर इस प्रयास को सफल बनाने का प्रयास करें
कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र (हिंदी और अंग्रेजी में) इस मेल के साथ संलग्न है।
कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है -
समय प्रातः 9:30 से सांय 6:00 बजे तक
पहला दिनः
23 जनवरी 2015 - अध्यादेशों पर चर्चा और रणनीति और कार्यक्रम तय करना
स्थानः एन.डी.तिवारी भवन, पांचवी मंजिल, (दीनदयाल उपाध्याय मार्ग) नई दिल्ली
दूसरा दिनः
24 जनवरी 2015- जन सभा एवं राजनीतिक पार्टियों के नेतृत्व के साथ संवाद
स्थानः काॅन्सटीट्यूशन कल्ब, रफी मार्ग, नई दिल्ली
जिंदाबाद
जनअधिकार संघर्ष समिति, नई दिल्ली
2 अटैचमेंट
FINAL FINAL parcha 23-24 jan 2015 delhi.pdf अटैचमेंट का पूर्वावलोकन करें
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Monday, January 19, 2015
23-24 जनवरी 2015 को एक दो दिवसीय् राष्ट्रीय अधिवेशन, देहली
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